देवघर. करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चांद को अर्घ्य प्रदान करके अपने पति का चेहरा देखकर व्रत का पारण करती हैं. अब बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होता है कि क्या इस व्रत को कुंवारी कन्या भी रख सकती हैं. आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं सबकुछ…
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. यह व्रत आमतौर पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं सूर्योदय के बाद निर्जला व्रत में रहती है. रात में चन्द्रमा का दर्शन कर पूजन कर अर्घ्य प्रदान करने के बाद ही पति के हाथों से व्रत का पारण करती हैं. यह व्रत कुंवारी कन्या भी रख सकती हैं, लेकिन उसके लिए नियम कुछ और होता है. तभी व्रत सफल माना जाता है.
कुंवारी कन्या भी रख सकती हैं व्रत
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि करवा चौथ का व्रत कुंवारी कन्या मनचाहे वर के लिए या शादी विवाह में आ रही समस्या से छुटकारा पाने के लिए रख सकती हैं. कन्याओं को निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए. कुछ फल ग्रहण करके की व्रत का पालन करना चाहिए. वहीं रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य प्रदान करते समय मनोकामना मांगे कि मनोवांछित वर की प्राप्ति हो. इन नियमों के साथ कुंवारी कन्या अगर करवा चौथ का व्रत रखती है, तभी व्रत का सकरात्मक फल की प्राप्ति होगी.
FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 09:09 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
