Last Updated:
Maa Vindhyawasini Mandir : यहां दर्शन करने के बाद लोग घर लौट जाते हैं. दूसरे देव स्थलों पर दर्शन करना भूल जाते हैं. अगर आप भी यहां आ रहे हैं तो ऐसा न करें. इन जगहों पर दर्शन करना नहीं भूलें.
इसके बाद मंदिर में ही महाकाली और महासरस्वती का दर्शन करें. फिर राधा कृष्ण मंदिर में दर्शन करने के बाद मां की सवारी सिंह का दर्शन करें. स्वयं मां के धाम में विराजमान भगवान भोले का दर्शन-पूजन करें. उसके बाद थाने के पास बटुक भैरव-भैरवी के दर्शन करें. तत्पश्चात, कंतित पर स्थित लाल भैरव का दर्शन करें, जो मां के विशेष द्वारपाल हैं.
पं. अनुपम महराज बताते हैं कि लाल भैरव के दर्शन के बाद स्टेशन के पास बंधवा हनुमान मंदिर में दर्शन करें. मान्यता है कि यहां पर दर्शन करने पर शत्रुओं पर विजय मिलता है. उसके बाद कालीखोह में दर्शन करें. यहां पर दर्शन से सर्व पीड़ा और सर्व रोग दूर हो जाते हैं. तंत्र-मंत्र का प्रभाव भी पूरी तरह से खत्म हो जाता है, लेकिन दर्शन करने के बाद पीछे भैरव का दर्शन करें. कालीखोह में दर्शन करने के बाद अष्टभुजा मंदिर में जाए और दर्शन पूजन करें. वहां पर दर्शन करने के बाद भैरव कुंड जाए और वहां पर श्रीयंत्र का दर्शन करें. ऐसा श्रीयंत्र आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा.
पं. अनुपम महराज के अनुसार, भैरव कुंड में दर्शन के बाद मां तारा का दर्शन करें. वहां पर तारा अश्मशान में दर्शन करें. वहां पर रामेश्वर दर्शन का करें. ऐसी मान्यता है कि यहां पर दर्शन करने से रामेश्वरम के बराबर का फल मिलता है. रामेश्वरम में दर्शन के बाद मां संकटा का दर्शन करें. मां संकटा के दर्शन करने से हर संकट टल जाते हैं. यदि आप ऐसा दर्शन करते हैं तो आपकी त्रिकोण यात्रा सफल मानी जाएगी और मां आपको सुख और समृद्धि प्रदान करेगी.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें