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Navratri Kanya Pujan Vidhi: नवरात्रि में लगभग हर कोई कन्या पूजन करता है. हालांकि इसका सही तरीका कम ही लोगों को मालूम होता है. जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से कि किस तरह पूजन करने से माता खुश होती हैं.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि 22 सितंबर से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और 2 अक्टूबर तक नवरात्रि चलने वाली है. इन दिनों माता दुर्गा के 9 रूप की पूजा पूरी विधि से नौ दिनों तक की जाएगी.
कब करें कन्या पूजन
ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि लोग अपने-अपने तरीके से दुर्गा पूजन और कुंवारी कन्या पूजन करते हैं. कई भक्त ऐसे हैं जो प्रतिपदा से लेकर नवमी तक कन्या पूजन करते हैं. कुछ लोग सिर्फ अष्टमी और नवमी को ही कुंवारी कन्या पूजन करते हैं. यह दोनों तरीके सही हैं. जो जातक रोज नहीं कर पाते हैं, वे अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन जरूर करें.
कुंवारी कन्या पूजन अष्टमी और नवमी के दिन करें. इसमें एक बटुक का होना जरूरी है. सबसे पहले कन्याओं के पैर धोएं, फिर उन्हें आसन पर बिठाएं. इसके बाद कलावा (पवित्र धागा) बांधें, माथे पर लाल कुमकुम लगाएं. इसके बाद पूड़ी, काले चने, नारियल और हलवा भोग के रूप में खिलाएं. फिर पैर छूकर कन्याओं का आशीर्वाद लें.
ऐसे करें विदाई
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कन्या पूजन के बाद कन्याओं को ऐसे ही विदा न करें. सभी कन्याओं को पूजन के बाद पान खिलाएं. उसके बाद फल और दक्षिणा जरूर दें. साथ में श्रृंगार का सामान और लाल चुनरी देकर ही विदा करें. ऐसा करने से माता दुर्गा बेहद प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है. घर से नकारात्मक शक्ति खत्म हो जाती है.
बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज़्म में मास्टर्स, गोल्ड मेडलिस्ट. पत्रकारिता का सफर दैनिक जागरण से शुरू हुआ, फिर प्रभात खबर और ABP न्यूज़ से होते हुए Bharat.one Hindi तक पहुंचा. करियर और देश की …और पढ़ें
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.