Plant According Nakshatra : वृक्ष प्रकृति की अनमोल उपहार है यह हमारे पर्यावरण तथा मानव जीवन का संरक्षक है. जिस प्रकार प्रत्येक मनुष्य की अपनी विशेषता है उसी प्रकार प्रत्येक वृक्ष की अपनी विशेषता है. वस्तुतः इस पृथिवी पर यदि वृक्ष न हो तो हमारा जीवन खतरे में पड़ जाएगा. यह हम सभी जानते है वृक्ष हमें आक्सीजन प्रदान करता है और आक्सीजन के बिना मनुष्य जीवित नहीं रह सकता. इसी कारण वैदिक साहित्य में “वृक्ष पूजन” का स्पष्ट निर्देश दिया गया था जो आज भी विराजमान है चाहे वह अंधविश्वास के रूप में ही सही वृक्षो की पूजा की जाती है. इसका मुख्य श्रेय हमारे ऋषि मुनियो, पौराणिक परम्परा, यज्ञ आदि के लिए निर्धारित सामग्री में निश्चित लकड़ी का प्रयोग तथा आज के ज्योतिष शास्त्री को जाता है.
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वृक्ष पूजन का महत्व : ज्योतिष शास्त्र में वृक्ष की पूजा का विधान है यदि कोई जातक बहुत परेशानी में है चाहे व्यापार से सम्बंधित हो, संतान से, दाम्पत्य जीवन से आदि आदि तो ज्योतिषी जन्मकुंडली के आधार पर यह जानने का प्रयास करता है की किस ग्रह नक्षत्र, राशि वा राशि स्वामी के कारण वह परेशान है. पुनः उस ग्रह अथवा राशि के कारकत्व को आधार बनाकर जातक के परेशानी को दूर करता है. उन कारकतत्व में पेड़ पौधे भी आते है. भारतीय ज्योतिष में प्रत्येक नक्षत्र, ग्रह और राशि के लिए कोई न कोई पेड़-पौधे निर्धारित है. जन्म कुंडली में बुरे ग्रहो के प्रभाव को कम करने के लिए तथा शुभ ग्रहो के शुभत्त्व को बढ़ाने के लिए निर्धारित पेड़-पौधों की सेवा तथा उसके जड़ को धारण करने का विधान है. आइये जानते है की कौन पौधा किस ग्रह राशि तथा नक्षत्र के लिए निर्धारित किया गया है.
ज्योतिषीयशास्त्र में 27 नक्षत्रों के लिए अलग-अलग गुणवाले पेड़-पौधे निर्धारित किये गए है आइये जानते है वे कौन कौन है.
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- अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष – केला, आक तथा धतूरा को माना गया है.
- भरणी नक्षत्र का वृक्ष – केला एवं आंवला को बताया गया है.
- कृत्तिका नक्षत्र का वृक्ष – गूलर है.
- रोहिणी नक्षत्र का वृक्ष – जामुन को निर्धारित किया गया है.
- मृगशिरा नक्षत्र का वृक्ष – खैर है.
- आर्द्रा नक्षत्र का वृक्ष – आम तथा बेल को माना गया है.
- पुनर्वसु नक्षत्र का वृक्ष – बांस है.
- पुष्य नक्षत्र का वृक्ष – पीपल को सुनिश्चित किया गया है.
- आश्लेषा नक्षत्र का वृक्ष – नाग केसर और चंदन है.
- मघा नक्षत्र का वृक्ष – वटवृक्ष (बरगद) को माना जाता है.
- पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष – ढाक है.
- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष – पाकड़ है.
- हस्त नक्षत्र का वृक्ष – रीठा को माना जाता है.
- चित्रा नक्षत्र का वृक्ष – बेलवृक्ष है.
- स्वाति नक्षत्र का वृक्ष – अर्जुन को बताया गया है.
- विशाखा नक्षत्र का वृक्ष – नीम है.
- अनुराधा नक्षत्र का वृक्ष – मौलसिरी है.
- ज्येष्ठा नक्षत्र का वृक्ष – रीठा को माना जाता है.
- मूल नक्षत्र का वृक्ष – राल का वृक्ष है.
- पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष – जामुन का पेड़ है.
- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष – कटहल है.
- श्रवण नक्षत्र का वृक्ष – आक को बताया गया है.
- धनिष्ठा नक्षत्र का वृक्ष – शमी और सेमर है.
- शतभिषा नक्षत्र का वृक्ष – कदम्ब का पेड़ है.
- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष – आम है.
- उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष सोनपाठा को माना जाता है.
- रेवती नक्षत्र का वृक्ष महुआ को माना गया है.
FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 14:30 IST