Ram Navmi 2025 : मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्म शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था. पूरे देश और दुनिया में भगवान श्री राम का जन्म बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह पहला मौका है कि अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्री राम के जन्म का दूसरा अवसर है. महाकवि मानस मर्मज्ञ पूज्य तुलसीदास जी द्वारा लिखित श्री रामचरितमानस के बालकांड में भगवान श्री राम के जन्म की स्तुति लिखी गई है.
रामनवमी पर संध्याकाल में परिवार सहित करें श्री राम की स्तुति : श्री रामनवमी पर परिवार सहित स्तुति करने से परिवार पर सभी प्रकार के संकट टल जाते हैं. घर में खुशहाली आती है. परिवार के सदस्यों में आपस में प्रेम बना रहता है.
Impact of 7 Number: 7 नंबर इतना देता है कि पीढ़ियां बैठकर खाती हैं, एलन मस्क, धोनी जैसे प्रमुख हस्तियों का संबंध है इस अंक से
स्तुति :
कौसल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी,
अद्भुत रूप बिचारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा,
निज आयुध भुजचारी ।
भूषन बनमाला, नयन बिसाला,
सोभासिंधु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी,
केहि बिधि करूं अनंता ।
माया गुन ग्यानातीत अमाना,
वेद पुरान भनंता ॥
करुना सुख सागर, सब गुन आगर,
जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी,
भयउ प्रगट श्रीकंता ॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया,
रोम रोम प्रति बेद कहै ।
मम उर सो बासी, यह उपहासी,
सुनत धीर मति थिर न रहै ॥
उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना,
चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।
कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई,
जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली,
तजहु तात यह रूपा ।
कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला,
यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना,
होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं,
ते न परहिं भवकूपा ॥
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श्री राम के जन्म के समय ग्रह और नक्षत्र : ऋषि श्रेष्ठ बाल्मीकि जी के अनुसार श्री राम जन्म के समय पांच ग्रह अपनी उच्च अवस्था में थे. उनका जन्म कर्क लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र और अभिजीत महूर्त में हुआ था.
आज भी वही संयोग : श्री राम के जन्म के समय जो नक्षत्र और अभिजीत महूर्त था आज भी वही नक्षत्र और मुहूर्त है. यह बहुत ही शुभ संयोग है.
