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Shani Sadesati and Dhaiyya: कुछ ही दिनों में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव से तीन राशियों के जीवन में बड़े-बड़े बदलाव होने वाले हैं और पूरा जीवन बर्बाद होेने वाले है, लेकिन देवघर के पंडित जी ने कुछ उपाय…और पढ़ें
उपाय के बारे में बताते देवघर बैद्यनाथ धाम के पंडित जी
हाइलाइट्स
- मेष, सिंह और धनु राशियों पर शनि का प्रभाव बढ़ेगा.
- शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के उपाय बताए गए.
- पीपल पेड़ की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करें.
देवघर. शनि सबसे क्रूर ग्रह में से एक ग्रह होता है. माना जाता है कि शनि की कुदृस्टि या कुंडली में साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव रहे, तो जातक का जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं कुछ ही दिनों में शनि अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं. शनि जब भी अपना राशि परिवर्तन करते हैं, तो उसका प्रभाव 12 राशियों के साथ ही मानव जीवन पर अवश्य पड़ता है. किसी राशि के ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो किसी राशि के ऊपर साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव पड़ता है. वहीं शनि जब अपना राशि परिवर्तन करेंगे, तो तीन राशियों की मुश्किलें बढ़ने वाली है. साढ़ेसाती और ढेय्या का प्रभाव पड़ेगा. साढेसाती और ढेय्या से मुक्ति पाने के लिए जातक को क्या कुछ उपाय करना चाहिए, जानते हैं देवघर के पंडित गुलशन मिश्रा जी से.
क्या कहते हैं देवघर के पंडित जी?
देवघर बैद्यनाथधाम के पंडित जी गुलशन मिश्रा ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि फिलहाल शनि कुंभ राशि में विराजमान है. 29 मार्च को धनी अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं. कुंभ से मीन राशि में गोचर करने वाले हैं. जैसे ही शनि कुंभ से मीन राशि में गोचर करेंगे, तीन राशियों की मुश्किल है बढ़ जाएगी. वह तीन राशि है मेष, सिंह और धनु. मेष राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती के साथ ही सिंह और धनु राशि के कुंडली में शनि का ढैय्या का प्रभाव पड़ेगा, जिससे इन राशि के जीवन में कई तरह की परेशानियां भी आने वाली है.
कुंडली में साढे़साती और ढैय्या का क्या पड़ता है प्रभाव
पंडित गुलशन मिश्रा जी बताते हैं कि अगर किसी की राशि के कुंडली में साढे़साती और ढैय्या का प्रभाव पड़ जाए, तो जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता है. घर में गृह के लिए शुरू हो जाती है. मानसिक तनाव उत्पन्न होता है, कोई भी कार्य समय पर पूरा नहीं होता.
शनि की साढे़साती और ढैय्या के प्रभाव से बचने के लिए क्या करें उपाय :
पीपल पेड़ की करें पूजा:-
पंडित जी बताते हैं कि शनि की साडेसाती और ढेय्या के प्रभाव से बचने के लिए जातक को हर शनिवार पीपल पेड़ में सूर्योदय से पहले जल अर्पण करें और संध्या के समय सरसों तेल का दीपक जलाएं.
हनुमान चालीसा का करें पाठ:-
जातक को हर रोज किसी हनुमान मंदिर या फिर अपने घर में ही हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए इससे शनि की साढेसाती और ढेय्या के प्रभाव कम हो जाता है.
शनिदेव का करें अभिषेक:-
जिस भी जातक के कुंडली में शनि की साडढेसाती या ढेय्या का प्रभाव हो वैसे जातक हर शनिवार के दिन शनि देव को सरसों के तेल से अभिषेक अवश्य कराये. अगर ऐसा करते हैं तो शनि की साढेसाती और ढेय्या का प्रभाव कम हो जाएगा और लाभ मिलेगा.