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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि में किस दिन होगी किस देवी मां की पूजा, यहां जानें पूजा पाठ से लेकर सबकुछ

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हरिद्वार: देवी दुर्गा और उनके नौ रूपों की आराधना के लिए साल में चार बार नवरात्रों का आगमन होता है. वैदिक पंचांग के अनुसार दो बार प्रकट नवरात्रि में देवी दुर्गा की आराधना, पूजा पाठ, व्रत आदि किए जाते हैं, तो दो बार गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से देवी मां की आराधना, व्रत करने का विधान बताया गया है. 9 दिन के नवरात्रों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करने से जीवन में चल रही सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और अक्षय फल की प्राप्ति होती है.

देवी स्वर्ग लोक से धरती पर आकर वास करती हैं

नवरात्रि यानी 9 रात्रि तक देवी स्वर्ग लोक से धरती लोक पर आकर वास करती हैं और अपने भक्तों का कल्याण करती हैं. नवरात्रि के दिनों में श्रद्धालुओं के मन में अक्सर यही सवाल आता है की देवी दुर्गा के किस रूप की आराधना किस दिन की जाए कि उन्हें नवरात्रि का संपूर्ण फल प्राप्त हो. चलिए विस्तार से जानते हैं…

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए हरिद्वार के विद्वान धर्माचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल में होने वाले नवरात्रि के दिनों में शक्ति की देवी मां दुर्गा स्वर्ग लोक से धरती लोक पर आकर वास करती हैं और अपने भक्तों का कल्याण करती हैं. वैदिक पंचांग के अनुसार दो बार प्रकट नवरात्रि में देवी दुर्गा की निमित्त श्रद्धा भक्ति भाव से व्रत करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है, तो दो बार देवी दुर्गा की आराधना गुप्त रूप से करके सिद्धि प्राप्त की जाती है.

नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपन की आराधना पूजा पाठ करने का विधान बताया गया है जिसका संपूर्ण वर्णन धार्मिक ग्रंथ दुर्गा सप्तशती में किया गया है.

दुर्गा सप्तशती में वर्णित नौ दुर्गा रूप मंत्र

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना ।।

अलग-अलग दिनों में मां के रूपों की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री रूप की आराधना पूजा पाठ आरती आदि की जाती है. दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी तीसरे दिन माता चंद्रघंटा चौथे दिन माता कुष्मांडा पांचवें दिन स्कंदमाता छठे दिन कात्यानी माता सातवें दिन माता कालरात्रि आठवें दिन माता महागौरी और नवरात्रि के नौवे दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना पूजा पाठ आरती आदि करने से नवरात्रि का संपूर्ण फल प्राप्त होता है. नवरात्रि के अलग-अलग दिनों में देवी दुर्गा के इन रूपों की आराधना करने पर सभी काम पूर्ण हो जाते हैं और सभी बाधाएं खत्म हो जाती हैं.

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