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shardiya navratri 2025 shubh yog shubh muhurat and Ghatasthapana ke niyam | 5 शुभ योग में शारदीय नवरात्रि का पहला दिन, घटस्थापना के दौरान इन नियमों का करें पालन

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Shardiya Navratri 2025 Yog: नवरात्रि में घटस्थापना करते समय शास्त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना आवश्यक है. ये नियम पूजा को सिद्धि और कल्याणकारी बनाते हैं. घटस्थापना के नियम और ध्यान रखने योग्य बातें…

शुभ योग में शारदीय नवरात्रि, घटस्थापना के दौरान इन नियमों का करें पालन
Shardiya Navratri 2025 Ghatasthapana Shubh Muhurat and Yoga : सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है और नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है. शुभ मुहूर्त और सही विधि से कलश स्थापाना करने पर मां दुर्गा की पूजा फल कई गुणा बढ़ जाता है. इस साल यह अवसर और भी खास हो रहा है क्योंकि ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत मेल भक्तों को मनचाहा फल देने वाला है. इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत पांच शुभ योग से हो रही है, जिससे इन दिनों का महत्व और भी बढ़ गया है. नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है इसलिए कलश स्थापना के दौरान नियमों का पालन करना आवश्यक माना गया है. आइए जानते हैं नवरात्रि पर बन रहे शुभ योग के बारे में और घटस्थापना के नियम…

शारदीय नवरात्रि 2025 शुभ योग (Shardiya Navratri 2025 Shubh Yog)

शारदीय नवरात्रि 2025 पर इस बार एक या दो नहीं बल्कि 5 शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन सूर्य व बुध ग्रह की युति से बुधादित्य योग, भद्र राजयोग, चंद्र मंगल की युति से धन योग, चंद्रमा, बुध और सूर्य की युति से त्रिग्रही योग और गुरु व चंद्रमा एक दूसरे केंद्र भाव में होने पर गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है. इन शुभ योग में मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.

घटस्थापना 2025 शुभ मुहूर्त (Ghatasthapana 2025 Shubh Muhurat)

शारदीय नवरात्र में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त – सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट. अवधि 1 घंटे 56 मिनट तक .
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक

शारदीय नवरात्र 2025 घटस्थापना नियम (Ghatasthapana Ke Niyam)

  • घटस्थापना हमेशा सुबह के शुभ मुहूर्त में करना अच्छा माना जाता है. घटस्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त और विजय मुहूर्त सबसे उपयुक्त माने जाते हैं.
  • पूजा का स्थान हमेशा साफ, पवित्र और शांत होना चाहिए. साथ ही गंगाजल से छिड़काव कर शुद्ध करना चाहिए.
  • घटस्थापना से पहले स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए. सफेद, लाल या पीले रंग के वस्त्र पूजा में शुभ माने जाते हैं.
  • मिट्टी के पात्र में 7 या 9 प्रकार के अनाज बोएं. साथ ही पात्र को जल से भर दें, उसमें रोली, अक्षत, एक रुपया, आम के पत्ते रख दें और कलश के ऊपर नारियल रखकर लाल चुनरी से ढक दें.
  • कलश के पास ही मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा की स्थापना करें. पूजा के दौरान ध्यान रखें माता का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो.
  • कलश स्थापना के बाद अखंड ज्योति अवश्य जलाएं, यह बहुत शुभ माना जाता है. अखंड दीपक में गाय के देसी घी का प्रयोग करें.
  • कलश स्थापना में बोए गए गेहूं या जौ अंकुर होने पर देवी की कृपा का प्रतीक माने जाते हैं. बाद में इनको नदी या पवित्र स्थान पर विसर्जित कर दें.
  • कलश स्थापना के लिए देवी कवच, दुर्गा सप्तशती या अन्य मंत्रों का पाठ करना चाहिए. 9 दिनों तक मां के नियमों के अनुसार पूजा करें.
  • नवरात्रि में सात्विक भोजन का प्रयोग करें और प्याज-लहसुन से दूर रहें.
  • नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करें और शुद्धता का पूरा ध्यान रखें.
  • नवरात्रि के नौ दिनों में मां के अलग अलग स्वरूप का पूजन करना चाहिए और कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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