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Bihar Chaiti Chhath Puja 2025: आस्था का महापर्व चैती छठ पूजा बिहार में धूमधाम से मनाया जा रहा है.आज अस्तचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य देने की परंपरा है. बिहार सीतामढ़ी के पुनौरा स्थापित सूर्य मंदिर स्थित है. ये जगह…और पढ़ें
सूर्य मंदिर
हाइलाइट्स
- पुनौरा धाम में छठ पूजा पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
- पुनौरा धाम में सूर्य मंदिर माता सीता की जन्मस्थली है.
- छठ पर्व के दौरान सूर्य मंदिर को सजाया जाता है.
सीतामढ़ी. चैती छठ पूजा पर जिले के पुनौरा धाम के सूर्य मंदिर में छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ती है. पुनौरा धाम एक प्रमुख आस्था केंद्र है, जहां पुंडरीक ऋषि द्वारा स्थापित सूर्य मंदिर स्थित है. यह स्थान माता सीता की जन्मस्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है. छठ पर्व के दौरान यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है, और लोग भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए आते हैं.
पुनौरा धाम का इतिहास प्राचीनकाल से जुड़ा हुआ है, और यहां पुंडरीक ऋषि का आश्रम हुआ करता था. ऋषि यहां स्थित तालाब में स्नान करते थे और भगवान सूर्य को प्रातः जल चढ़ाते थे. छठ पर्व के दौरान यहां दूर-दूर से लोग भगवान सूर्य का दर्शन करने आते हैं. छठ पर्व को लेकर मंदिर को सजाया गया है.
साथ ही, शाम वाले अर्घ्य को लेकर विशाल पोखर को भी सजाया जा रहा है. यहां तालाब के पूर्व दिशा में सूर्य मंदिर, पश्चिम दिशा में शिव मंदिर और दक्षिण दिशा में मां काली का मंदिर स्थापित है. यह काफी पुण्यक क्षेत्र है और यहां की मान्यता है कि पुंडरीक ऋषि ने सूर्य भगवान का पिंड स्थापित किया था. तब से यहां भगवान सूर्य की पूजा होती आ रही है.
साल 1986 में जनसहयोग से उक्त स्थान पर मंदिर के निर्माण के साथ ही सूर्य की प्रतिमा स्थापित की गई. इससे पूर्व लोग पुंडरीक ऋषि के बनाए गए पीठ की ही पूजा करते थे. यहां के पुजारी उमेशानंद जी महाराज ने बताया कि इस तालाब में स्नान कर सूर्य देवता की उपासना करने वालों की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
इसी क्षेत्र में पुंडरीक ऋषि का आश्रम हुआ करता था और ऋषि इसी तालाब में स्नान करते थे. भगवान सूर्य को प्रातः जल चढ़ाते थे. पुंडरीक ऋषि ने यहां सूर्य भगवान की पिंड स्थापित किया था. यहां प्राचीन तालाब है और इसमें स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने पर उनकी हर मुराद पूरी होती है. चार दिनों के लोक आस्था के महापर्व को लेकर यहां एक अलग ही रौनक रहती है.