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Surya Grahan 2025 on sarva pitru amavasya 21 September | how to perform tarpan and shraddha on solar eclipse day | अमावस्या को लगेगा सूर्य ग्रहण तो कैसे होगा पितरों का तर्पण-श्राद्ध?

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Surya Grahan 2025 21 September: 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण लगेगा, उस दिन सर्व पितृ अमावस्या भी है. सर्व पितृ अमावस्या में पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं. लेकिन सूर्य ग्रहण की वजह से तर्पण और श्राद्ध कैसे होगा? आइए पंडित जी से जानते हैं इसके बारे में.

अमावस्या को सूर्य ग्रहण तो कैसे होगा पितरों का तर्पण-श्राद्ध? पंडित से जानें
Surya Grahan 2025 21 September: इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन अमावस्या के दिन लगने वाला है. उस दिन पितृ पक्ष का सर्व पितृ अमावस्या है. अमावस्या के दिन स्नान और दान करते हैं, पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. इससे पुण्य की प्राप्ति होती है, पितृ दोष मिटता है और जीवन में सुख, समृद्धि एवं शांति आती है. लेकिन इस बार अमावस्या पर सूर्य ग्रहण लगने से पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कैसे किया जाएगा? क्या इसके लिए नियम बदल जाएंगे? आइए इसके बारे में जानते हैं महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के ज्योतिषाचार्य डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से.

ज्योतिषाचार्य डॉ तिवारी का कहना है कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लग रहा है. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. सबसे पहले जानते हैं कि सर्व पितृ अमावस्या कब से कब तक है और सूर्य ग्रहण का समय क्या है. इससे पितरों के तर्पण और श्राद्ध का पता चल जाएगा.

पंचांग के अनुसार देखा जाए तो इस साल सर्व पितृ अमावस्या यानि आश्विन कृष्ण अमावस्या की तिथि 21 सितंबर रविवार को 12:16 ए एम से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 22 सितंबर सोमवार को 01:23 ए एम पर होगा. ऐसे में देखा जाए तो 21 सितंबर को पूरे दिन सर्व पितृ अमावस्या है.

सूर्य ग्रहण समय और सूतक काल

21 सितंबर को सूर्य ग्रहण रात में 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और यह 22 सितंबर सोमवार को तड़के 3:23 बजे खत्म होगा. सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले प्रारंभ होता है, इस आधार पर सूर्य ग्रहण का सूतक अमावस्या को सुबह 10 बजकर 59 मिनट से प्रारंभ होना चाहिए, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. ऐसे में सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा.

बेझिझक करें पितरों का तर्पण और श्राद्ध

अब स्पष्ट हो गया है कि सर्व पितृ अमावस्या पर लगने वाले सूर्य ग्रहण का प्रभाव अपने देश में नहीं होगा. ऐसे में आप बेझिझक सर्व पितृ अमावस्या पर अपने पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म कर सकते हैं. इस दिन सूर्य ग्रहण के कारण अमावस्या श्राद्ध में कोई बाधा नहीं आएगी.

सर्वार्थ सिद्धि योग में सर्व पितृ अमावस्या

21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 09 बजकर 32 मिनट से अलगे दिन 22 सितंबर को सुबह 06 बजकर 09 मिनट तक है. वहीं शुभ योग प्रात:काल से लेकर शाम 07 बजकर 53 मिनट तक है.

उस दिन स्नान और दान के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त 04:34 ए एम से 05:22 ए एम तक है. सर्व पितृ अमावस्या का अभिजीत मुहूर्त 11:50 ए एम से दोपहर 12:38 पी एम तक है.

कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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