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Temple of Mata Hidimba: महाभारत काल से जुड़ा है माता हिडिंबा का इतिहास, आप भी जरूर करें दर्शन, जानें खास बातें

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Temple of Mata Hidimba: माता हिडिंबा का मंदिर विशाल देवदार पेड़ो के मध्य चार छत वाला पेगोड़ा शैली का बना हुआ है. मंदिर का निर्माण कल्लू के शासक बहादुर सिंह ने 1553 ईसवीं में करवाया था. इस मंदिर की दीवारें पहाड़ी…और पढ़ें

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मनाली का मां हिडिंबा देवी टेंपल

मनालीः पर्यटन नगरी मनाली ने इन दिनों बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे है. ऐसे में यहां आने वाले पर्यटक मां हिडिंबा के दर पर भी शीश नवा रहे है. मां हिडिंबा मनाली क्षेत्र की आराध्य देवी है. जहां दूर-दूर से आने वाले पर्यटक भी दर्शन करने पहुंचते है. बता दें कि पर्यटन नगरी मनाली के ढूंगरी में माता हिडिंबा का भव्य मंदिर बना हुआ है. जहां पर हर साल हजारों सैलानी माता हिडिंबा के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. मंदिर के भीतर एक प्राकृतिक चट्टान है, जिसे देवी का स्थान कहा गया है. चट्टान को स्थानीय बोली में ढूंग कहते हैं, इसलिए देवी को ढूंगरी देवी भी कहा जाता है. देवी को पूरे इलाके में पूजा जाता है.

माता हिडिंबा का मंदिर विशाल देवदार पेड़ो के मध्य चार छत वाला पेगोड़ा शैली का बना हुआ है. मंदिर का निर्माण कल्लू के शासक बहादुर सिंह ने 1553 ईसवीं में करवाया था. इस मंदिर की दीवारें पहाड़ी शैली में बनी हुई है और प्रवेश द्वार पर लकड़ी की नकाशी बनी हुई है. महाभारत की कथाओं के अनुसार, जब पांडव अज्ञातवास के दौरान हिमालय पहुंचे तो यहां पर हिडिंब राक्षस का राज था. राक्षस ने अपनी बहन हिडिंबा जंगल में भोजन की तलाश के लिए भेजा. इस दौरान हिडिंबा ने वहां पर पांचों पांडव और उनकी माता कुंती को देखा. इस दौरान हिडिंबा ने भीम को देखा तो उसे भीम से प्रेम हो गया. जिस कारण हिडिंबा उन सभी को नहीं मारा.

युद्ध में भीम ने हिडिंब को मार डाला
जब यह बात राक्षस हिडिंब को पता चली तो उसने क्रोधित होकर पांडवों पर हमला कर दिया. हिडिंब और भीम में काफी देर तक युद्ध हुआ और युद्ध में भीम ने हिडिंब को मार डाला. हिडिंबा भीम को चाहती थी, लेकिन भीम ने शादी के लिए मना कर दिया. इस पर माता कुंती ने भीम को समझाया और भीम ने हिडिंबा के साथ विवाह कर लिया. दोनों की शादी के बाद उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम घटोत्कच रखा गया. पर्यटन नगरी मनाली में माता हिडिंबा के मंदिर के साथ ही घटोत्कच का भी मंदिर बना हुआ है. माता हिडिंबा ने देवी दुर्गा की तपस्या की और उसके बाद वह देवी रूप में पूजी गई.

दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं पर्यटक
अहमदाबाद गुजरात से आई पर्यटक मयूरी ने बताया कि वह पहली बार देवी हिडिंबा के दर्शन करने पहुंची है. उन्होंने बताया कि उन्होंने मां हड़िंबा के बारे में सुना था. लेकिन पहली बार ही उनके मंदिर के दर्शन किए है. ऐसे में देवदार के पेड़ों से घिरे इस मंदिर को देख उन्हें बेहद खुशी मिल रही है. पुणे से आई श्रुति ने बताया कि उन्होंने फिल्मों में इस मंदिर और मनाली का दृश्य देखा था. ऐसे में यहां पहली बार आने पर उन्हें बेहद खुशी मिल रही है. हालांकि पुणे की तुलना में यहां तापमान में फर्क है लेकिन उन्हें यहां आकर बेहद अच्छा लग रहा है.

फिल्मों में इस मंदिर को देखा था
महाराष्ट्र की रहने वाली ऋतुजा ने बताया कि उन्होंने फिल्मों में इस मंदिर को देखा था और तबसे ही उन्हें यहां आने का मन था. ऐसे में अब वह पहली बार यहां पहुंची है और मां हिडिंबा के दर्शन कर रही है. बंगलौर से आई जीविता ने बताया कि वह पहली बार हिडिंबा मंदिर आई है और यहां आने पर उन्हें बेहद सुकून महसूस हुआ है. वह सभी लोगों को कहना चाहेंगी कि एक बार जिंदगी में इस मंदिर के दर्शन करने जरूर आए. इस मंदिर में आकर उन्हें बेहद अच्छा लगा कि मां हिडिंबा को मनाली में देवी के रूप में पूजा जाता है.

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महाभारत काल से जुड़ा है माता हिडिंबा का इतिहास, आप भी जरूर करें दर्शन

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