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Vivah Muhurt : इस दिन बिल्कुल भी न रखें शादी की डेट, यहां देखें मई और जून के शुभ मुहूर्त

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पूर्णिया : पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा ने कहा शास्त्रों के मुताबिक खरमास के समय मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन खरमास खत्म होते ही शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो गई जो कि अप्रैल से लेकर जुलाई तक विवाह, मुंडन और जनेऊ के बहुतों शुभ मुहूर्त है. लेकिन जन्मदिन के तारीख को विवाह के मुहूर्त में ना चुनें.

हमारे सनातन धर्म में खासकर खरमास लगने के बाद मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. वहीं किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले वेद पुराण व पंचांग में वर्णित शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग को देखकर किया जाता है. जिससे उन्हें आजीवन खुशहाली मिलता रहे.

पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा कहते हैं कि शास्त्र के मुताबिक खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य नहीं होता है. वहीं उन्होंने कहा कि मांगलिक कार्य यानी शुभ मुहूर्त के दौरान विवाह उपनयन मंडल गृहवास नवभवन निर्माण यह सभी शुभ कार्य और मांगलिक कार्य में गिने जाते हैं. हालांकि उन्होंने कहा बीते दिन खरमास के खत्म हो जाने के बाद अभी से लेकर जून जुलाई तक विवाह, मुंडन और उपनयन का भरमार दिन है. जबकि उन्होंने कहा यह सभी शुभ मुहूर्त मिथिला पंचांग के मुताबिक सबसे उत्तम माना गया है.

विवाह के मुहूर्त फ़िक्स करने से पहले रखे इन बातों का ख्याल
उन्होंने कहा कि याद रहे कि शादी के शुभ मुहूर्त के दिन को फिक्स करने से पहले इन बातों को जरूर याद रखें. उन्होंने कहा अगर किन्हीं भी जातक का जन्म तिथि और जन्म का दिन शादी के दिन पड़ रहा हो तो इस दिन शादी बिल्कुल भी ना करें. उन्होंने कहा कि जन्मदिन और शादी का दिन कभी भी एक समय और एक दिन में शादी नहीं होना चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा ऐसा नहीं मानने वालों को आगे दाम्पत्य जीवन मे बहुत गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

शादी विवाह के शुभ मुहूर्त के दिन
उन्होंने कहा विवाह के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत अप्रैल महीने के 16,18,20 ,21 ,23,25 और 30 अप्रैल को होगा. वही मई महीने में 1, 7, 8, 9, 11, 18, 19, 22, 23, 25 और 28 को होगा. वही जून के महीने में 1, 2, 4 और 6 जून तक शादी के शुभ मुहूर्त है. यह सभी शुभ मुहूर्त के अच्छे संयोग और समय रहने से इस दौरान होने वाली शादियां में दाम्पत्य जीवन मधुर और बेहतर रहेगा.

वही मुंडन संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त 
अप्रैल के महीने में 17, 30 है. वहीं मई महीने में 8, 9 और 28 तक. वही जून के महीने में 5, 6, 26 और 27. वही जुलाई महीने में 2 और 4 तारीख को शुभ मुहूर्त है. एवं उपनयन संस्कार के लिए मई महीने के 2, 7, 8, 29 वही  जून महीने में 5 और 6 जून तक चलेगा. यह सभी शुभ मुहूर्त मिथिला पंचांग के अनुसार है. इस दौरान लोग आसानी से किसी भी मांगलिक कार्य को कर सकते हैं.

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