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Goat Milk Does Not Boost Platelets in Dengue study reveals shocking facts | डेंगू के मरीज न पिएं बकरी का दूध | इससे प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में नहीं मिलती मदद | रिसर्च में खुलासा

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Is Goat Milk Safe for Dengue: कुछ रिसर्च में पता चला है कि बकरी का दूध पीने से डेंगू में प्लेटलेट काउंट नहीं बढ़ता है. बकरी का कच्चा दूध ब्रुसेलोसिस नामक गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण बन सकता है, जो डेंगू में खतरनाक हो सकता है.

डेंगू के मरीज न पिएं बकरी का दूध ! इससे प्लेटलेट काउंट नहीं होता बूस्ट : स्टडीडेंगू के मरीजों को बकरी का कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए.
Goat Milk and Platelet Count Myths: बरसात के मौसम में डेंगू का कहर बढ़ जाता है. बारिश के बाद भी मच्छर डेंगू, मलेरिया समेत कई खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं. डेंगू का शिकार होने पर लोगों का प्लेटलेट काउंट तेजी से कम हो जाता है, जिसे बढ़ाने के लिए कई लोग बकरी का दूध (Goat Milk) पीना शुरू कर देते हैं. तमाम लोग मानते हैं कि बकरी का दूध डेंगू के मरीजों के प्लेटलेट काउंट को बढ़ाता है और उन्हें जल्दी ठीक होने में मदद करता है. हालांकि अब तक कई रिसर्च ने इस बात को पूरी तरह गलत साबित कर दिया है. रिसर्च बताती हैं कि बकरी के दूध का प्लेटलेट काउंट बढ़ाने से कोई संबंध नहीं है और इसके सेवन से डेंगू मरीजों को कई बार नुकसान भी हो सकता है.
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक डेंगू के मरीजों को बकरी का कच्चा दूध पीने से बचना चाहिए. डेंगू में बकरी का कच्चा दूध पीने से ब्रुसेलोसिस नामक एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है, जो डेंगू के इलाज में परेशानी पैदा करता है. इसलिए डेंगू के दौरान बिना डॉक्टर की सलाह के बकरी का दूध पीना खतरनाक साबित हो सकता है. लोग मानते हैं कि बकरी का दूध शरीर को ताकत देता है और डेंगू में प्लेटलेट्स जल्दी बढ़ाते हैं, लेकिन वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि ऐसा कोई सबूत नहीं है. डेंगू से राहत मिलने पर मरीजों का प्लेटलेट काउंट अपने आप बढ़ने लगता है और इसका बकरी के दूध से कोई लेना देना नहीं होता है. बकरी का दूध कैलोरी और सेलेनियम का अच्छा स्रोत जरूर है, लेकिन ये तत्व सीधे तौर पर प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद नहीं करते हैं.

रिसर्च की मानें तो कच्चा या बिना पाश्चुरीकृत बकरी का दूध पीना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इसमें ब्रुसेला बैक्टीरिया हो सकते हैं. यह बैक्टीरिया ब्रुसेलोसिस नामक संक्रमण का कारण बनते हैं, जो डेंगू के मरीजों के लिए गंभीर खतरा हो सकता है. एक अध्ययन में डेंगू के मरीज में बकरी का कच्चा दूध पीने के बाद ब्रुसेलोसिस हुआ, जिससे बुखार लंबा चला और मरीज की स्थिति जटिल हो गई. ब्रुसेलोसिस के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए सही पहचान और इलाज में भी देरी हो सकती है. डेंगू में सुरक्षित और असरदार इलाज के लिए डॉक्टर कई जरूरी सलाह देते हैं, जैसे- शरीर को हाइड्रेटेड रखना, इलेक्ट्रोलाइट वाले पानी का सेवन करना, संतुलित आहार लेना और नियमित जांच कराना. मरीजों को केवल डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां लेनी चाहिए और घरेलू उपचारों के लिए सावधानी बरतनी चाहिए.

अमित उपाध्याय

अमित उपाध्याय वर्तमान में Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम में काम कर रहे हैं। उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 9 वर्षों का अनुभव है. वे खासतौर पर हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों को गहराई से स…और पढ़ें

अमित उपाध्याय वर्तमान में Bharat.one Hindi की लाइफस्टाइल टीम में काम कर रहे हैं। उन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में करीब 9 वर्षों का अनुभव है. वे खासतौर पर हेल्थ, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों को गहराई से स… और पढ़ें

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डेंगू के मरीज न पिएं बकरी का दूध ! इससे प्लेटलेट काउंट नहीं होता बूस्ट : स्टडी


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