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Winter Superfood: सर्दियों में शरीर को अंदरूनी गर्माहट और मज़बूत इम्यूनिटी चाहिए. इसके लिए रोज के गेहूं में अजवाइन, मेथी, सोंठ, तिल और चना आटा मिलाकर मिश्रित आटा तैयार कर खाना चाहिए. यह सूपरफूड रोटियां ठंड से लड़ने में कारगर हैं. साथ ही सभी उम्र के लोगों की सेहत के लिए लाभदायक है.
ठंड का मौसम आते ही शरीर को सिर्फ गरम कपड़ों की नहीं, बल्कि अंदरूनी गर्माहट और ऊर्जा की भी जरूरत होती है. सर्द हवाएं शरीर की इम्यूनिटी पर असर डालती हैं, ऐसे में खानपान ही असली हथियार बनता है. डॉक्टर सलीम जैदी बताते हैं कि अगर रोज़ की रोटियों में थोड़ा बदलाव किया जाए, तो ये सर्दियों की सेहत का सबसे आसान उपाय बन सकती हैं. सही सामग्री से बनी रोटियां न केवल स्वाद बढ़ाती हैं, बल्कि शरीर को ठंड से लड़ने की ताकत भी देती हैं.
एक्सपर्ट शर्मीला सुमी बताती है आम तौर पर हम रोजाना जो गेहूं की रोटियां खाते हैं, वे शरीर को कार्बोहाइड्रेट देती हैं, लेकिन सर्दियों में सिर्फ इतना काफी नहीं. इस मौसम में शरीर को अतिरिक्त पोषण और गर्माहट की जरूरत होती है. अगर गेहूं के आटे में कुछ प्राकृतिक तत्व मिलाकर उसे मॉडिफाई किया जाए, तो यही रोटियां सुपरफूड बन जाती हैं. यह तरीका हर उम्र के व्यक्ति के लिए उपयोगी है, चाहे बच्चा हो, युवा या बुज़ुर्ग.
उन्होंने कहा कि अजवाइन सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ाती, बल्कि यह सर्दियों में पाचन तंत्र की सुरक्षा भी करती है. भारी भोजन और कम शारीरिक गतिविधि से सर्दियों में गैस, अपच और भारीपन आम समस्या बन जाती है. ऐसे में गेहूं के आटे में एक चम्मच अजवाइन पाउडर मिलाने से पाचन बेहतर होता है और पेट हल्का महसूस होता है. अजवाइन शरीर की आंतरिक गर्मी बनाए रखती है, जिससे ठंड में भी एनर्जी बरकरार रहती है.
आगे कहा कि सर्दियों में जोड़ों का दर्द और सूजन आम परेशानी है. मेथी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व इन समस्याओं से राहत दिलाते हैं। 1–2 चम्मच मेथी पाउडर आटे में मिलाने से रोटियां न केवल स्वादिष्ट बनती हैं, बल्कि शरीर को अंदर से गर्म रखती हैं. मेथी ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है और मेटाबॉलिज्म को भी मजबूत बनाती है. ये साधारण-सी जड़ी बूटी सर्दियों में जोड़ों की जकड़न को कम करने में मददगार साबित होती है.
सोंठ यानी सूखा अदरक, सर्दियों की सबसे ज़रूरी औषधि मानी जाती है. यह शरीर को गर्म रखती है और सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों से बचाती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. 1 चम्मच सोंठ पाउडर आटे में मिलाने से आपकी रोटियां हेल्दी टॉनिक का काम करती हैं. नियमित सेवन से ठंड का असर कम होता है और शरीर हल्का व चुस्त महसूस करता है.
उन्होंने बताया कि सर्दियों में तिल खाना पुराने समय से ही परंपरा रही है, और इसकी वजह भी वाजिब है. तिल में कैल्शियम, आयरन और हेल्दी फैट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और ठंड में त्वचा को रूखापन से बचाते हैं. 2–3 चम्मच तिल आटे में मिलाकर बनाई गई रोटियां शरीर को अंदर से पोषण देती हैं. इसका नियमित सेवन बालों और त्वचा की चमक को भी बनाए रखता है.
आगे कहा कि अगर आप अपने आटे को और पौष्टिक बनाना चाहते हैं, तो उसमें 20 प्रतिशत चना आटा ज़रूर मिलाएं. चने में मौजूद प्रोटीन और फाइबर शरीर को ताकत देते हैं और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं. डायबिटीज़ के मरीजों के लिए यह बेहद उपयोगी है. गेहूं और चना आटे का यह कॉम्बिनेशन शरीर को लंबे समय तक एनर्जी देता है और पाचन को संतुलित रखता है.
आगे कहा कि इन सभी सामग्रियों—अजवाइन, मेथी, सोंठ, तिल और चना आटा—को गेहूं के आटे में मिलाकर एक मिश्रित आटा तैयार करें. इससे बनी रोटियां स्वादिष्ट होने के साथ-साथ ठंड से लड़ने की पूरी ढाल बन जाती हैं. बच्चों से लेकर बुज़ुर्ग तक, हर किसी के लिए ये रोटियां फायदेमंद हैं. यह आसान घरेलू उपाय न केवल बीमारियों से बचाव करता है बल्कि सर्दियों में आपको एनर्जेटिक और एक्टिव भी बनाए रखता है.
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