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‘चमचम’ की चमक के आगे दूसरी मिठाइयां फेल, हर दिन होती है 15 क्विंटल की बिक्री! दूसरे राज्यों से भी आती है डिमांड

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Aligarh: मिठाई की बात आए और इलिगास की फेमस चमचम का नाम न लिया जाए, ऐसा नहीं हो सकता. कभी 25 पैसे में मिलने वाली ये मिठाई और 12 रुपये पीस में मिलती है. स्वाद ऐसा कि लोग इसके दीवाने हैं और दूसरे राज्यों से भी इसक…और पढ़ें

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अलीगढ़ शहर में चमचम की धूम, स्वाद ऐसा जबरदस्त कि हर दिन 15 क्विंटल की बिक्री

हाइलाइट्स

  • अलीगढ़ की इगलास चमचम की रोज 15 क्विंटल बिक्री होती है.
  • चमचम की कीमत 25 पैसे से बढ़कर ₹11 प्रति पीस हो गई है.
  • इगलास की चमचम की देश-विदेश में भारी मांग है.

अलीगढ़. अगर खाने के बाद कुछ मीठा हो, तो मज़ा ही आ जाता है. अगर आप भी मीठा खाने के शौकीन हैं, तो यह खबर आपके लिए है. आज हम आपको एक ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लोग खाने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं. हम बात कर रहे हैं अलीगढ़ के इगलास की मशहूर चमचम की. इसकी खासियत ऐसी है कि सरकार ने इसे जीआई टैग की सूची में शामिल किया है.

दूसरे राज्यों से भी आती है डिमांड
अलीगढ़ के इगलास की चमचम की मिठास की बात ही कुछ और है. इसका स्वाद ऐसा है कि एक बार खाने के बाद बार-बार खाने का मन करता है. इगलास की यह मशहूर मिठाई उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और कई अन्य राज्यों में भी पसंद की जाती है. यही नहीं, विदेशों में रहने वाले लोग भी ऑनलाइन डिलीवरी के जरिए इगलास की चमचम मंगवाते हैं.

25 पैसे था दाम
इगलास के चमचम की शुरुआत 1944 में हुई थी. उस समय एक पीस का दाम 25 पैसे था, जबकि आज इसकी कीमत ₹11 प्रति पीस हो चुकी है. एक किलो चमचम की कीमत ₹220 होती है. यह मिठाई मुख्य रूप से इगलास में ही बनती है और अगर कहीं और बिकती भी है, तो इगलास की मशहूर चमचम कहकर बेची जाती है.

समय के साथ इगलास में इस मिठाई की दुकानों की संख्या भी बढ़ गई है. आज यहां 50 से 100 दुकानें हैं और रोज 10 से 15 क्विंटल चमचम की बिक्री होती है. जो भी इगलास से होकर गुजरता है, वह इसे खरीदना और चखना नहीं भूलता.

कैसे होती है तैयार
चमचम बनाने के लिए सबसे पहले दूध से छेना निकाला जाता है, फिर इसमें सूजी मिलाकर गोले तैयार किए जाते हैं. इन गोलों को चीनी की चाशनी में पकाया जाता है. खास बात यह है कि इसे घी या रिफाइंड में तला नहीं जाता. इस वजह से यह मिठाई लंबे समय तक खराब नहीं होती. चमचम कारोबारी विनोद कुमार बताते हैं कि 1944 में यह मिठाई बननी शुरू हुई और इसका नाम चमचम रखा गया.उनके परिवार की तीसरी पीढ़ी आज भी इस मिठाई को बना और बेच रही है.

यहां आने वाले जरूर करते हैं खरीदारी
इसे इलायची के फ्लेवर के साथ चासनी में पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी खास हो जाता है. इसकी देश-विदेश में भारी मांग है. एक किलो चमचम में करीब 20 पीस होते हैं. इस मिठाई ने इगलास को एक खास पहचान दिलाई है और यहां आने वाले लोग इसे जरूर खरीदते हैं.

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‘चमचम’ की चमक के आगे दूसरी मिठाइयां फेल, हर दिन होती है 15 क्विंटल की बिक्री!


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-chamchams-boom-in-city-taste-is-so-tremendous-that-every-day-15-quintals-sold-buyers-are-crowded-local18-9080812.html

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