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दिवाली पर घी और बाबुल के गोंद से बने लड्डुओं की सुगंध बिखरी, बाजार में मचा दी धूम, लाइन लगकर हो रही बिक्री – Bihar News

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Diwali Special Sweet: दीपावली के आते ही समस्तीपुर जिला के बाजारों में रौनक लौट आई है. खासकर पटोरी बाजार इन दिनों खरीदारों से गुलजार हो चुका है. हर ओर चकाचौंध, सजावट और लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है.

समस्तीपुर. एक तरफ जहां लोग दीपावली की पारंपरिक खरीदारी जैसे झाड़ू, दीपक, सजावटी सामान और बर्तनों में मशगूल दिखे, वहीं दूसरी ओर स्वाद के दीवानों के लिए पटोरी का एक खास ठिकाना आकर्षण का केंद्र बना रहा रामसेवक स्वीट्स. यहां मिलने वाले पारंपरिक, शुद्ध और देसी स्वाद वाले लड्डुओं ने इस बार लोगों का दिल जीत लिया है.

रामसेवक स्वीट्स, जो पटोरी थाना गेट के समीप शर्मा मार्केट के बगल में स्थित है, अपने खास तरह के लड्डुओं के लिए क्षेत्र में पहचान बना चुका है. दुकानदार हरे राम महतो बताते हैं कि उनके यहां पांच तरह के लड्डू मिलते हैं बेसन के लड्डू, घी से बने दानेदार लड्डू, बाबुल के गोंद वाले लड्डू, रिफाइंड से बने लड्डू और पारंपरिक सैंध से तैयार मिठाइयां. इनमें सबसे खास है बाबुल के गोंद से बना लड्डू, जो स्वाद में जितना बेहतरीन होता है, उतना ही सेहत के लिए भी लाभकारी माना जाता है. महतो बताते हैं कि इन लड्डुओं की खास बात यह है कि यहां कोई मिलावट नहीं होती 100% शुद्ध देसी घी और साफ-सुथरी प्रक्रिया से मिठाइयां तैयार की जाती हैं.

बनाने की प्रक्रिया में झलकती है पारंपरिक मिठास
गोंद वाले लड्डू की खासियत इसकी परंपरागत तैयारी में है. हरे राम महतो बताते हैं कि पहले बाबुल के गोंद को छानकर देसी घी में भुना जाता है. फिर शुद्ध बेसन को भी घी में भूनकर उसमें गोंद, भूरा चीनी और अन्य स्वादिष्ट सामग्री मिलाई जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की मशीन या मिलावटी तत्वों का उपयोग नहीं होता, जिससे स्वाद में एक देसीपन बना रहता है. वे बताते हैं कि एक किलो बेसन और एक किलो घी से लगभग पांच किलो लड्डू तैयार होता है, क्योंकि उसमें अन्य सामग्रियां जैसे चीनी और सूखे मेवे भी शामिल किए जाते हैं.

ग्रामीण क्षेत्र में भी बढ़ रही मांग
हालांकि, घी से बने लड्डू की कीमत ₹500 प्रति किलो है और रिफाइंड से बने लड्डू ₹220 प्रति किलो में उपलब्ध हैं, लेकिन हरे राम महतो बताते हैं कि दीपावली जैसे अवसर पर हर वर्ग के लोग स्वाद से समझौता नहीं करना चाहते. ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद यहां हर साल करीब 5 क्विंटल लड्डुओं की खपत होती है. महतो कहते हैं, हमारा मकसद मुनाफा नहीं, शुद्धता है. यही वजह है कि हमारे ग्राहक सालों से भरोसा बनाए हुए हैं.

Mohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

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घी और बाबुल के गोंद से बने लड्डुओं की सुगंध बिखरी, बाजार में मचा दी धूम


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-samastipur-diwali-special-sweet-aroma-of-laddus-made-from-ghee-and-gum-of-babul-in-demand-local18-9753442.html

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