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धीमी आंच पर तैयार ये खास नाश्ता, सऊदी अरब तक सप्लाई! इतनी डिमांड कि दिन-रात जुटा है पूरा परिवार

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रामपुर में रमजान के दौरान खजला की मांग बढ़ जाती है. यह पारंपरिक व्यंजन नवाबी दौर से सहरी में पसंद किया जाता है. खजला हल्का मीठा, कुरकुरा और पौष्टिक होता है. इसकी खुशबू से गलियां महक उठती हैं.

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रमजान में सहरी की शान बना यह मीठा नाश्ता, नवाबों के जमाने से है पसंद

हाइलाइट्स

  • रामपुर में रमजान के दौरान खजला की मांग बढ़ जाती है.
  • खजला हल्का मीठा, कुरकुरा और पौष्टिक होता है.
  • सऊदी अरब सहित कई देशों में खजला की सप्लाई होती है.

रामपुर: रमजान का महीना शुरू होते ही रोजेदार सहरी और इफ्तार की तैयारियों में जुट जाते हैं. खासतौर पर सहरी में ऐसा भोजन लिया जाता है, जिससे दिनभर भूख-प्यास कम लगे और शरीर को भरपूर ऊर्जा मिले. रामपुर में एक विशेष पारंपरिक व्यंजन ‘खजला’ सहरी के लिए बेहद पसंद किया जाता है. यह हल्का मीठा, कुरकुरा और पौष्टिक होता है, जिसे दूध और चीनी के साथ खाया जाता है. नवाबी दौर से चली आ रही यह परंपरा आज भी बरकरार है, और रमजान के महीने में इसकी मांग कई गुना बढ़ जाती है.

रामपुर की गलियों में रमजान के दौरान खजला की खुशबू एक अलग ही माहौल बना देती है. पक्का बाग चौराहे पर स्थित एक स्पेशल दुकान पिछले 25 सालों से खजला बना रही है. दिलचस्प बात यह है कि यह व्यंजन सिर्फ रमजान के महीने में ही बिकता है. इसे खास मैदे से तैयार किया जाता है और धीमी आंच पर तलकर कुरकुरा बनाया जाता है. हल्की मिठास और कुरकुरेपन के कारण इसे दूध और चीनी के साथ खाने पर इसका स्वाद दोगुना बढ़ जाता है.

विदेशों तक पहुंची रामपुर के खजला की मिठास
खजला न केवल रामपुर या आसपास के शहरों में मशहूर है, बल्कि इसकी मांग विदेशों तक है. सऊदी अरब सहित कई देशों में इसकी सप्लाई होती है, जहां रोजेदार इसे बड़े चाव से खाते हैं. इस समय बाजार में यह लगभग 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

रमजान में बढ़ जाती है मांग
रमजान के दौरान खजला की मांग इतनी अधिक होती है कि दुकानदार और उनके परिवार को दिन-रात इसे तैयार करने में जुटना पड़ता है. ग्राहकों को ताजा और कुरकुरा खजला देने के लिए इसे हर दिन विशेष रूप से तैयार किया जाता है. यह व्यंजन न सिर्फ रोजेदारों की पसंद बना हुआ है, बल्कि आम लोग भी इसे बड़े चाव से खाते हैं. खजला की यह अनोखी परंपरा आज भी जीवंत है, और रमजान के इस पाक महीने में इसकी मिठास हर रोजेदार के सहरी को खास बना देती है.

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