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ये पहाड़ों की सिग्नेचर डिश, स्वाद ऐसा जो जीत ले दिल…सिर्फ व्यंजन नहीं, सेहत के लिए भी हिट

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पिथौरागढ़: पहाड़ी झोली उत्तराखंड का एक पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन है, जो दही, बेसन और मसालों से तैयार किया जाता है। लहसुन-जीरे के तड़के से महकती यह खट्टी-चटपटी झोली पहाड़ी चावल और मंडुए की रोटी के साथ बेहद लाजवाब लगती है। हल्की, पौष्टिक और पाचन के लिए फायदेमंद झोली यात्रियों में भी बेहद लोकप्रिय है।

उत्तराखंड की रसोई की बात हो और झोली का जिक्र न आए, यह संभव ही नहीं. झोली एक पारंपरिक पहाड़ी व्यंजन है, जो मुख्यतः दही या छाछ से बनाया जाता है. हल्का, पौष्टिक, खुशबूदार और बेहद स्वादिष्ट यह पकवान सदियों से पहाड़ी घरों की पहचान रहा है.

झोली की खासियत है- इसका घरेलू और सरल स्वाद. इसमें किसी भी फैंसी सामग्री की आवश्यकता नहीं होती. बस दही, बेसन या चावल का आटा, स्थानीय मसाले, लहसुन और देसी घी. जब लहसुन के तड़के में दही की फुहार कड़ाही में गिरती है, तो उठने वाली खुशबू किसी भी यात्री का मन मोह लेती है.

झोली का खट्टा-चटपटा स्वाद भूख बढ़ा देता है. देसी घी और लहसुन का तड़का दिल जीत लेता है. यह सरल, सुगंधित और हर मौसम में उपयुक्त हल्का भोजन है. पाचन के लिए बेहतरीन झोली सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि पहाड़ों की आत्मा है- एक ऐसा स्वाद जो किसी भी पर्यटक को दोबारा पहाड़ों की ओर खींच लाता है.

झोली में प्रोटीन और कैल्शियम भरपूर होते हैं क्योंकि यह दही से बनती है. यह पाचन बेहतर रखती है, सर्दियों में गरमाहट देती है और गर्मियों में ठंडक. हल्का भोजन होने के कारण यह सभी के लिए बेहद फायदेमंद और स्वास्थ्यवर्धक है.

अगर आप उत्तराखंड की यात्रा पर हैं और असली पहाड़ी स्वाद चखना चाहते हैं, तो पहाड़ी झोली आपका पूरा अनुभव बदल देगी. यह व्यंजन आपको सिर्फ स्वाद नहीं देता, बल्कि स्थानीय संस्कृति, गांवों की गर्मजोशी और हिमालयी परंपरा से भी जोड़ता है.

पहाड़ी झोली सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि हिमालय की आत्मा है. यह कड़ाही में धीरे-धीरे पकने वाला स्वाद नहीं, बल्कि मां की गोद जैसा अपनापन है. यही कारण है कि पहाड़ों में आने वाला हर यात्री-चाहे वह कैलाश यात्रा पर हो या पिथौरागढ़ की घाटियों में-झोली का स्वाद अवश्य लेता है और फिर उसी स्वाद की तलाश में लौट आता है.

पहाड़ों में झोली दही और बेसन को फेंटकर धीमी आंच पर पकाई जाती है. देसी घी में लहसुन, जीरा और मेथी दाने का तड़का इसके स्वाद को और बढ़ाता है. लगातार चलाते हुए पकाई गई यह खट्टी-चटपटी झोली हर पहाड़ी थाली की शान मानी जाती है.

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ये पहाड़ों की सिग्नेचर डिश, स्वाद ऐसा जो जीत ले दिल, सिर्फ व्यंजन नहीं…


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https://hindi.news18.com/photogallery/uttarakhand/pithoragarh-jholi-bhat-a-traditional-hill-dish-from-uttarakhand-local18-9853652.html

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