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साल में कुछ दिन मिलती है यह सब्जी, दिवाली पर खाना क्यों है जरूरी? समृद्धि और सेहत से जुड़ा है खास संबंध – Bihar News

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सीतामढ़ी में दिवाली पर ओल की सब्जी बनाना कायस्थ और ब्राह्मण समुदाय की खास परंपरा है, जो समृद्धि, एकता और स्वास्थ्य का प्रतीक मानी जाती है और मां लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है.

तस्वीर

सीतामढ़ी. दिवाली का पर्व रोशनी, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस दिन घरों में पूजा-पाठ और स्वादिष्ट व्यंजन बनने की परंपरा है, लेकिन, बिहार में एक खास परंपरा सदियों से चली आ रही है, दिवाली के दिन ओल की सब्जी बनाने की. मान्यता है कि ओल की सब्जी बनाना शुभ माना जाता है और यह घर में लक्ष्मी का वास सुनिश्चित करता है. यह जड़ वाली सब्जी निरंतर बढ़ती रहती है, इसलिए इसे समृद्धि और उन्नति का प्रतीक माना जाता है.

ओल की खासियत यह है कि इसे काटने के बाद अगर थोड़ा हिस्सा भी मिट्टी में रह जाए, तो यह फिर से उग आता है. इसी वजह से लोग इसे “लगातार बढ़ने वाली सब्जी” कहते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, दिवाली के दिन ओल की सब्जी बनाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि और धन की बरकत बनी रहती है. ऐसा भी माना जाता है कि ओल कभी खराब नहीं होता, इसलिए इसे जीवन में निरंतर वृद्धि और स्थायित्व का प्रतीक समझा जाता है.

एकता और समृद्धि की भावना का संदेश
दिवाली पर ओल की सब्जी बनाने की परंपरा खास तौर पर कायस्थ और ब्राह्मण समुदाय में प्रचलित है. मान्यता है कि जैसे ओल मिट्टी में रहकर भी जीवन पाता है, वैसे ही इंसान को भी कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखकर आगे बढ़ना चाहिए. कई परिवारों में यह परंपरा पीढ़ियों से निभाई जा रही है. ओल की सब्जी को पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य मिलकर खाते हैं, जो एकता और साथ मिलकर समृद्धि की भावना का संदेश देता है.

इन बीमारियों में फायदेमंद
धार्मिक महत्व के साथ-साथ ओल सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल, फाइबर और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. साथ ही, यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. इस तरह ओल न केवल परंपरा और आस्था का प्रतीक है, बल्कि सेहत का रक्षक भी है. इसलिए दिवाली के दिन ओल की सब्जी बनाना केवल एक रीति नहीं, बल्कि जीवन में स्थायित्व, समृद्धि और स्वास्थ्य का संदेश देने वाली परंपरा है.

Mohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

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साल में कुछ दिन मिलती है यह सब्जी, दिवाली पर खाना क्यों है जरूरी? जानें फायदे


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