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Semal Doda Recipe: सेमल डोडा पांडव काल से चली आ रही पारंपरिक देसी सब्जी है, जो आज भी नागौर के ग्रामीण इलाकों में असली देसी स्वाद और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है. यह फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और ताकत बढ़ाने वाले मिनरल का बेहतरीन स्रोत है. ग्रामीण विधि से बनी इसकी सब्जी पाचन सुधारने, कमजोरी दूर करने और ऊर्जा बढ़ाने में बेहद उपयोगी मानी जाती है.
नागौर. राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में आज भी कई पारंपरिक व्यंजन अपनी मौलिकता और औषधीय गुणों के कारण लोकप्रिय हैं. ऐसा ही एक व्यंजन है सेमल डोडे की सब्जी, जो पांडव काल से बनाई जाने वाली देसी डिश मानी जाती है. खेतों और गांवों में आसानी से मिलने वाला सेमल का डोडा न केवल स्वाद में लाजवाब है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है.
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि सेमल डोडे का निचला हिस्सा सबसे ज्यादा पौष्टिक होता है. इसे साफ करके मसाले में भूनकर सब्जी तैयार की जाती है. कई लोग इसके स्वाद और पोषण को बढ़ाने के लिए इसमें आलू या सोयाबीन भी मिलाते हैं. माना जाता है कि इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और पुराने समय में इसे ताकत बढ़ाने के लिए खिलाया जाता था. स्थानीयों के अनुसार, “सेमल डोडे की सब्जी खाने से भीम जैसी ताकत मिलती है,” यह मान्यता आज भी गांव के बुजुर्गों में प्रचलित है.
सेमल डोडा: फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल से भरपूर
हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अंजू चौधरी के अनुसार सेमल डोडा पाचन सुधारने में बेहद कारगर है. इसमें हाई फाइबर होता है, जो कब्ज दूर करने, आंतें साफ करने और गैस व एसिडिटी कम करने में सहायक होता है.
यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और नियमित सेवन से कमजोरी और थकान में राहत मिलती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इसे एक सुपरफूड बनाते हैं.
महिलाओं के लिए भी बेहद फायदेमंद
सेमल के फूल, छिलके और गोंद का उपयोग पारंपरिक रूप से महिला स्वास्थ्य में किया जाता रहा है. इसे निम्नलिखित समस्याओं में भी लाभकारी माना जाता है:
- ल्यूकोरिया
- पीरियड्स में कमजोरी
- त्वचा संबंधी समस्याएं
- ताकत बढ़ाने का देसी उपाय
गांवों में इसे ताकत बढ़ाने का सर्वोत्तम प्राकृतिक स्रोत माना गया है. खासतौर पर बीमारी से उबर रहे लोगों या लंबे समय की कमजोरी में सेमल डोडे की सब्जी खिलाई जाती थी. आलू और सोयाबीन मिलाने से इसकी पौष्टिकता कई गुना बढ़ जाती है, जिससे यह एक संपूर्ण आहार बन जाता है.
सेमल डोडे की पारंपरिक देसी रेसिपी (ग्रामीण विधि)
गांव की शांति देवी अपनी पारंपरिक विधि साझा करती हैं:
तैयारी:
- डोडे की कली को तोड़कर साफ पानी से धो लें.
- नीचे का हिस्सा हटाकर पूरी फुली हुई रूई जैसी सामग्री निकाल दें.
- सिर्फ मजबूत छिलका बचाकर उसे छोटे टुकड़ों में काट लें.
सब्जी बनाना:
- कढ़ाही में मसाला भूनें (जीरा, हल्दी, लाल मिर्च, धनिया आदि).
- अब इसमें कटे हुए सेमल डोडे डालें.
- चाहें तो साथ में आलू या सोयाबीन भी डालकर 4–5 मिनट भूनें.
- पानी डालकर ढक दें और धीमी आंच पर 12–15 मिनट पकाएं.
- जब छिलके नरम हो जाएं तो सब्जी तैयार है. अंत में थोड़ा घी डालने से स्वाद और ताकत दोनों बढ़ जाते हैं.
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