च्यवनप्राश भारत की सबसे पुरानी और असरदार आयुर्वेदिक रेसिपीज़ में से एक है, जो शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है. सर्दियों के मौसम में इसका सेवन खासतौर पर फायदेमंद माना जाता है क्योंकि यह इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखता है और थकान, सर्दी-खांसी जैसी दिक्कतों से बचाता है. बाजार में कई ब्रांड्स के च्यवनप्राश मिलते हैं, लेकिन घर पर बना च्यवनप्राश सबसे शुद्ध और पौष्टिक होता है. आइए जानते हैं इसकी आसान और असली आयुर्वेदिक रेसिपी.
घर पर च्यवनप्राश बनाने के लिए आपको चाहिए ये जरूरी सामग्री
500 ग्राम आंवला (Indian Gooseberry)
250 ग्राम देशी घी
250 ग्राम शुद्ध शहद
300 ग्राम गुड़ या खांड
20 ग्राम पीसी हुई इलायची
10 ग्राम लौंग पाउडर
10 ग्राम दालचीनी पाउडर
10 ग्राम पिपली (लंबी काली मिर्च)
10 ग्राम काली मिर्च पाउडर
1 छोटा चम्मच हींग
10 ग्राम गिलोय, अश्वगंधा और विदांग पाउडर (अगर उपलब्ध हो तो)
आंवला च्यवनप्राश का मेन इंग्रीडिएंट है, क्योंकि इसमें विटामिन C की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. बाकि जड़ी-बूटियां इसे औषधीय गुण देती हैं.
आंवले को उबालकर बेस तैयार करें
सबसे पहले आंवलों को अच्छे से धोकर उबाल लें. जब आंवले मुलायम हो जाएं, तो उनके बीज निकाल दें और उन्हें मिक्सर में बारीक पीस लें. अब एक कड़ाही में थोड़ा सा घी गर्म करें और इस आंवला पल्प को उसमें डालकर धीमी आंच पर चलाते रहें. इसे तब तक भूनें जब तक इसका रंग हल्का भूरा न हो जाए और इसमें से कच्चेपन की खुशबू खत्म न हो जाए. यह स्टेप बहुत जरूरी है क्योंकि इससे आंवला लम्बे समय तक खराब नहीं होता और च्यवनप्राश का स्वाद बढ़ जाता है.
गुड़, मसाले और औषधियां मिलाएं
अब इसमें गुड़ या खांड डालकर धीरे-धीरे मिलाते रहें ताकि यह पिघल जाए. जब मिश्रण थोड़ा गाढ़ा हो जाए, तो इसमें सारे पाउडर मसाले यानी इलायची, लौंग, दालचीनी, पिपली, काली मिर्च, हींग, गिलोय, अश्वगंधा आदि डाल दें. धीमी आंच पर इस मिश्रण को लगातार चलाते रहें ताकि यह नीचे से जले नहीं. जब मिश्रण गाढ़ा होकर जैम जैसी स्थिरता लेने लगे, तो गैस बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें. ठंडा होने के बाद इसमें शुद्ध शहद मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें. शहद को कभी भी गर्म मिश्रण में न डालें, वरना उसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं.
स्टोर करने और सेवन का तरीका
तैयार च्यवनप्राश को ठंडा होने के बाद एक कांच के साफ जार में भरें. इसे किसी सूखी और ठंडी जगह पर रखें. घर का बना च्यवनप्राश 6 महीने तक सुरक्षित रहता है. हर दिन सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले एक चम्मच च्यवनप्राश गुनगुने दूध या पानी के साथ लें. बच्चों के लिए आधा चम्मच पर्याप्त है.
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