Strong Ginger Tea : सुबह की शुरुआत हो या शाम की थकान, एक कप गरमा-गरम अदरक वाली चाय सब कुछ बदल देती है. वो खुशबू, वो भाप और पहले घूंट का वो ताजापन – बस मज़ा ही कुछ और है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी चाय का स्वाद अदरक की कटिंग पर भी निर्भर करता है? हां, सच में. अदरक को आप कैसे डालते हैं, कद्दूकस किया हुआ या कुचला हुआ, ये तय करता है कि आपकी चाय कितनी स्ट्रॉन्ग, कितनी खुशबूदार और कितनी ज़ायकेदार बनेगी. कई लोग बिना सोचे बस अदरक को काटकर या कुचलकर डाल देते हैं, लेकिन ये छोटी सी बात चाय के स्वाद में बड़ा फर्क ला सकती है, अगर आप चाय के सच्चे शौकीन हैं, तो आपको यह समझना ज़रूरी है कि दोनों तरीकों का असर चाय के फ्लेवर पर कैसा होता है. तो चलिए जानते हैं कि कद्दूकस किया हुआ अदरक बेहतर है या कुचला हुआ, और कौन-सा तरीका आपकी चाय को बनाएगा एकदम “मजबूत और यादगार.
जब आप अदरक को हल्के हाथों से कुचलते हैं, तो उसके अंदर के ज़रूरी तेल और स्वाद धीरे-धीरे निकलते हैं. इसका असर ये होता है कि चाय में एक सॉफ्ट, मिट्टी जैसी खुशबू आती है जो दूध और चीनी के साथ खूबसूरती से घुल जाती है. इसी वजह से ज़्यादातर चायवाले या ढाबे पर मिलने वाली चाय में कुचला हुआ अदरक डाला जाता है. यह स्वाद को बैलेंस रखता है – न ज़्यादा तेज़ और न बहुत हल्का. जो लोग दिन में कई बार चाय पीते हैं, उनके लिए कुचला हुआ अदरक परफेक्ट है क्योंकि ये गले पर भारी नहीं लगता और पेट को भी आराम देता है.
कद्दूकस किया हुआ अदरक
अब बात करते हैं कद्दूकस किए हुए अदरक की. इसे जब चाय में डाला जाता है, तो इसका रस तुरंत निकलता है और चाय में एक झन्नाटेदार, मसालेदार स्वाद आता है. यह तरीका उन लोगों के लिए बेहतर है जो स्ट्रॉन्ग और ज़ोरदार अदरक वाली चाय पसंद करते हैं.
कद्दूकस करने से अदरक का पूरा जूस दूध में घुल जाता है, जिससे चाय का रंग और फ्लेवर दोनों गहरा हो जाते हैं, अगर आपको सर्दी-जुकाम हो या गला बैठा हो, तो कद्दूकस किया अदरक डालकर बनाई गई चाय तुरंत राहत देती है.

कब डालें अदरक? ये टाइमिंग भी रखती है फर्क
-बहुत से लोग चाय बनाते समय अदरक शुरुआत में ही डाल देते हैं, लेकिन सबसे अच्छा तरीका है कि इसे पहली उबाल के बाद डालें.
-जब दूध, पानी, चाय पत्ती और चीनी उबलने लगें, तब अदरक डालने से उसका फ्लेवर सही तरीके से घुलता है और दूध फटता भी नहीं, अगर आप कद्दूकस किया अदरक डाल रहे हैं, तो बस एक मिनट का उबाल काफी है, जबकि कुचले अदरक को थोड़ा ज़्यादा पकाने से उसका स्वाद गहराई तक उतरता है.
-अदरक वाली चाय सिर्फ ज़ायका ही नहीं बढ़ाती, बल्कि इसमें कई हेल्थ बेनिफिट्स भी छिपे हैं. यह पाचन को दुरुस्त करती है, ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखती है और सिरदर्द या थकान को भी दूर करती है.
-अदरक में मौजूद विटामिन, मिनरल्स और अमीनो एसिड रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं, जिससे शरीर को अंदर से ऊर्जा मिलती है. इसके अलावा, यह पेट फूलने, सर्दी-जुकाम और गले के दर्द में भी राहत देती है.
तो आखिर कौन-सा तरीका बेहतर है?
-अगर आपको चाय में हल्का, संतुलित और सुकून भरा स्वाद पसंद है, तो कुचला हुआ अदरक आपकी चाय के लिए सही रहेगा.
-लेकिन अगर आप चाय के हर घूंट में तेज़, मसालेदार और तीखा फ्लेवर चाहते हैं, तो कद्दूकस किया हुआ अदरक ही आपका जवाब है.
-आखिरकार, ये आपकी पसंद पर निर्भर करता है – कुछ लोग सॉफ्टनेस में मज़ा लेते हैं, तो कुछ को स्ट्रॉन्ग झटका पसंद आता है.
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