Roasted Sweet Potato Recipe: सर्दियों में गरम-गरम शकरकंद देखने भर से ही मुंह में पानी आ जाता है. सड़क पर मिलने वाली शकरकंदी चाट भले ही ठीक लगती हो, लेकिन जो असली मजा है वो अंगीठी पर भुने हुए शकरकंद में ही आता है. घर पर आग या कोयला जलाना आजकल आसान नहीं है, खासकर शहरों में जहां अंगीठी मिलना भी मुश्किल है और कोयला खरीदने का झंझट अलग. ऐसे में ज्यादातर लोग उबालकर या माइक्रोवेव में शकरकंद बना लेते हैं, लेकिन उस तरीके में वो सौंधा, मिट्टी-सी खुशबू वाला असली देसी स्वाद नहीं मिलता जो बचपन में सर्दियों की शाम को अंगीठी के पास बैठकर मिलता था. इसी बीच यूट्यूबर संगीता रुहेला ने शकरकंद भूनने का एक ऐसा आसान तरीका बताया है, जिसे देखकर लगता है कि अगर अंगीठी नहीं है तो क्या हुआ, स्वाद तो वही मिलेगा. उनका तरीका न सिर्फ आसान है बल्कि इसमें न तेल डालना है, न घी और न ही नमक की जरूरत पड़ती है. बस एक लोहे का तवा और थोड़ी सी समझदारी-और आपके घर में तैयार होगा वही देसी, धुआं-सा सौंधा शकरकंद, जो खाने में बेहद नरम, मीठा और खुशबूदार होता है, अगर आप भी सर्दियों में घर पर बिना झंझट के शकरकंद को उसी पुराने अंदाज़ में भूनना चाहते हैं, तो यह तरीका आपके बहुत काम आने वाला है. आइए जानते हैं पूरी प्रोसेस जो आसान भी है और फेल-प्रूफ भी.
शकरकंद की सही सफाई से शुरू करें
-शकरकंदी की बाहरी सतह पर काफी मिट्टी चिपकी रहती है. इसलिए सबसे पहला स्टेप है इसे बहुत अच्छी तरह धोना. कई लोग हल्का-सा पानी डालकर धो देते हैं, लेकिन चूंकि इसे सीधे तवे पर भूनना है, मिट्टी बिल्कुल भी नहीं रहनी चाहिए.
-धोने के बाद शकरकंद को तुरंत एक साफ कपड़े से पोंछकर सूखा लें, अगर सतह गीली रहेगी तो तवे पर जाते ही भाप बनने लगेगी और भूनने की प्रोसेस धीरे होगी. सूखी सतह से पकने का स्वाद और टेक्सचर दोनों बेहतर मिलते हैं.
लोहे का तवा-इस तरीके का असली हीरो
-संगीता के अनुसार शकरकंद भूनने के लिए एल्युमीनियम का बर्तन बिल्कुल नहीं लेना है. लोहे का तवा या कड़ाही ही असली काम करता है.
-लोहे का तवा धीमी आंच में भी गर्मी को लंबे समय तक पकड़कर रखता है, जिस वजह से शकरकंद धीरे-धीरे अंदर तक पकता है और बाहर हल्का-सा क्रिस्प फ्लेवर देता है. यही वजह है कि इसका स्वाद अंगीठी वाले शकरकंद जैसा मिलता है.
-तेज आंच बिल्कुल न रखें-वरना शकरकंद बाहर से जल सकता है और अंदर से कच्चा रह सकता है. धीमी आंच पर पकाया गया शकरकंद ज्यादा मीठा और सौंधा लगता है.

तवे पर बिछाने का पैटर्न बहुत मायने रखता है
-शकरकंद को तवे पर ऐसे रखना है कि हर पीस सीधे तवे को छुए. एक पर एक चढ़ाकर न रखें, नहीं तो भूनने के बजाय उबाल जैसा इफेक्ट आएगा.
-जब सारे पीस ठीक से बिछ जाएं, तो उन्हें ढकने का तरीका भी खास है. एक गहरा भगोना या बर्तन उल्टा करके पूरी तरह तवे पर रख दें.
-यह सीलिंग भाप को बाहर निकलने नहीं देती-और अंदर एक तरह का ‘अंगीठी जैसा चैंबर’ तैयार हो जाता है जिसकी वजह से शकरकंद जल्दी और एकदम बराबर भुनता है.
15 मिनट में तैयार-कम समय में बढ़िया भूनाई
-इस तरीके का सबसे अच्छा फायदा यही है कि शकरकंद सिर्फ 15 मिनट में भुन जाता है.
फ़ुल सीलिंग होने से अंदर जमा भाप शकरकंद को तेजी से नरम करती है और तवे की सूखी गर्मी उसे बाहर से हल्का-सा सख्त बनाती है, अगर 15 मिनट बाद शकरकंद थोड़ा कच्चा लगे तो उसे पलटें और 5 मिनट और ढककर रख दें.
-अक्सर 12–15 मिनट में ही यह पूरी तरह तैयार हो जाता है.
बिना नमक, घी या तेल-फिर भी जबरदस्त सौंधापन
इस रेसिपी की सबसे खास बात यही है कि इसमें कुछ भी एक्स्ट्रा नहीं डालना होता.
-न तेल
-न घी
-न नमक
-शकरकंद अपने ही स्टार्च और मिठास में पकता है, और लोहे का तवा उसे वही देहाती, मिट्टी-सी खुशबू देता है जो असली अंगीठी वाली शकरकंद का सिग्नेचर फ्लेवर है.
-इसे गरम-गरम सीधे काटकर खाएं, चाहे ऊपर से थोड़ा नींबू निचोड़ लें-स्वाद गारंटी के साथ पसंद आएगा.
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