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एम्स में नहीं करना पड़ेगा इंतजार, पैदल चलने की भी छुट्टी, ये सुविधा आएगी काम aiims electric vehicles for patients

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एम्‍स नई द‍िल्‍ली में एक व‍िभाग से दूसरे व‍िभाग तक जाने के लिए अब मरीजों और उनके परिजनों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और न ही उन्‍हें ऑटो में पैसे खर्च करने पड़ेंगे. एम्‍स में नई इलेक्‍ट्र‍िक शटल्‍स आने से स…और पढ़ें

एम्स में नहीं करना पड़ेगा इंतजार, पैदल चलने की भी छुट्टी, ये सुविधा आएगी कामएम्‍स नई द‍िल्‍ली में नई ई शटल्‍स से मरीजों को होगी सुव‍िधा.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली का परिसर इतना बड़ा है कि उसमें एक विभाग से दूसरे विभाग में जाने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है. यहां तक कि पुरानी ओपीडी से नई ओपीडी तक पहुंचने में ही मरीज के साथ-साथ अटेंडेंट की हालत खराब हो जाती है. जबकि अक्सर मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग में दिखाने के लिए या जांचें कराने के लिए जाना पड़ता है.

इतना ही नहीं अस्पताल में चलने वाली इलेक्ट्रिक शटल्स में बैठने के लिए भी लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं और मरीज को लंबा इंतजार करना पड़ता है. वहीं जो मरीज इंतजार नहीं कर पाते, वे कैंपस के अंदर चलने वाले ऑटो से भी आते-जाते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें पैसा खर्च करना पड़ता है. हालांकि अब एम्स में इन दोनों ही चीजों से मरीजों और उनके परिजनों को काफी राहत मिलने जा रही है. एम्स के इलेक्ट्रिक बेड़े में शामिल हुईं 16 नई इलेक्ट्रिक शटल्स मरीजों को बड़ी सुविधा देंगी.

ये शटल्स दिनभर एम्स परिसर में मरीजों और उनके परिजनों के लिए निशुल्क ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराएंगी. अगर एक इलेक्ट्रिक बस अनुमानित 10 चक्कर भी लगाएगी तो ये सभी मिलकर दिनभर में कम से कम 160 चक्कर लगाएंगी और इससे हजारों की संख्या में मरीजों को फायदा मिलेगा.

बता दें कि सीएसआर पहल के तहत आईडीबीआई बैंक ने एम्स नई दिल्ली को 16 एडवांस्ड ई-शटल्स का दान में दी हैं. हालांकि 3 शटल्स अभी मिल चुकी हैं और बाकी की बची 13 शटल्स जल्द ही अस्पताल में आ जाएंगी. इन शटल्स का फ्लैग-ऑफ समारोह IDBI बैंक के चीफ जनरल मैनेजर शशांक दीक्षित और AIIMS के को-चेयरमैन CSR प्रोफेसर नंद कुमार ने किया.

गौरतलब है कि एम्स पर्यावरणीय प्रभाव कम करने और स्थायी समाधान के रूप में कैंपस में कार्बन फुटप्रिंट्स को घटाने का काम कर रहा है. लिहाजा ईवी शटल्स इस दिशा में भी कारगर हैं. इतना ही नहीं इन ई-शटल्स में एम्स के अंदर यात्रा करने से उन मरीजों और उनके साथियों पर आर्थिक बोझ कम होगा, जो पहले से ही बीमारी और इलाज की वजह से वित्तीय संकट में हैं.

priya gautamSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.Bharat.one.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्… और पढ़ें

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