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Timla Health Benefits: पहाड़ों और गांवों में मिलने वाला जंगली अंजीर तिमला पोषक तत्वों से भरपूर है. इसमें फाइबर, कैल्शियम, फॉस्फोरस और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो पाचन सुधारने, हड्डियों को मजबूत करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं. टैनिन और फ्लेवोनॉइड्स सूजन और संक्रमण कम करते हैं. तिमला के दूधनुमा रस का उपयोग घाव और फोड़े-फुंसियों में किया जाता है. कच्चे फलों की सब्जी और सूखे फलों का काढ़ा भी स्वास्थ्यवर्धक है. आयुर्वेद में इसे बलवर्धक और प्राकृतिक टॉनिक माना जाता है.
अगर आप पहाड़ों या गांव की गलियों में घूमते समय किसी पेड़ के तने से लटकते छोटे-छोटे हरे फल देखें, तो समझ जाइए कि यह जंगली अंजीर है. इसे तिमला भी कहा जाता है. दिखने में साधारण लेकिन गुणों में असाधारण यही टिमला की असली पहचान है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि इस जंगली अंजीर तिमला में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें फाइबर भरपूर होता है जो पाचन के लिए जरूरी है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि तिमला में टैनिन और फ्लेवोनॉइड्स भी होते हैं, जो सूजन और संक्रमण को कम करते हैं. यही कारण है कि इसका सेवन शरीर को कई बीमारियों से बचाने में सहायक होता है. यह प्राकृतिक औषधि के रूप में जानी जाती है.
तिमला के फल कब्ज, गैस और अपच में राहत देते हैं. यह शुगर कंट्रोल करने में भी सहायक है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है. आयुर्वेद में इसे बलवर्धक और रोग प्रतिरोधक टॉनिक के रूप में भी माना गया है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि तिमला का दूधनुमा रस घाव भरने में उपयोगी है. इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स शरीर को हानिकारक कोशिकाओं से बचाते हैं. यह प्राकृतिक फल सेहत को सुरक्षित और मजबूत बनाने का काम करता है.
गांवों में तिमला के कच्चे फलों की सब्जी बनाई जाती है और सूखे फलों का काढ़ा तैयार किया जाता है. इसके पत्ते और छाल भी आयुर्वेदिक नुस्खों में काम आते हैं. ऐसे में तिमला वास्तव में प्रकृति का तोहफा है, जो सेहत, स्वाद और उपचार का संगम है.
तिमला का पेड़ भले ही साधारण दिखे लेकिन इसके औषधीय गुण अनोखे हैं. कच्चे फल से निकलने वाला सफेद दूध घाव और फोड़े-फुंसियों को ठीक करने में उपयोगी माना जाता है. वहीं इसके पके फल खाने से पाचन शक्ति सुधरती है और शरीर को नई ऊर्जा मिलती है.
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