Food Noise: आज कल सोशल मीडिया पर फूड नॉइज शब्द का चलन खूब बढ़ रहा है. क्या कभी आपने जानने की कोशिश की है कि फूड नॉइज होता क्या है. यह किसको हो सकता है. क्या यह बीमारी है या कोई आदत. अगर आपके मन में भी यह सवाल आ रहे हैं तो क्लीवलैंड क्लीनिक की एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. रीना बोस इस बारे में विस्तार से बता रही है.
फूड नॉइज क्या है
डॉ. रीना बोस कहती है कि वैसे तो फूड नॉइज की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है, लेकिन यह ऐसी स्थिति है जिसे हममें से कई लोग अनुभव करते हैं. डॉ.बोस बताती हैं, फूड नॉइज लगातार भूख लगने जैसा एहसास है. यानी आपका पेट भरा हुआ है लेकिन आपको किसी चीज को लेकर खाने की इच्छा प्रबल हो जाती है. आपके मन में यह बैठ जाता है कि हमें यह चीज खानी है. पूरा दिन मन में यही चीज रहेगी. यह मन से जाएगी ही नहीं. इसमें आपने बेशक भोजन कर लिया है लेकिन आपका मन संतु्ष्ट नहीं हो रहा है और आपको कुछ खास चीज खाने का मन करता है.
फूड नॉइज़ के कारण क्या हैं?
डॉ. रीना बोस कहती हैं कि फूड नॉइज एक दुष्चक्र की तरह है. इसमें दिमाग का पैटर्न इस तरह से बन जाता है कि उसे उस फूड से रिवार्ड मिलता है. यह तब होता है जब आपको गलत खान-पान की आदत लग जाती है. जैसे आप अगर बहुत ज्यादा डोनट्स, कैंडी, आइसक्रीम, चिकन, मटन, पिज्जा आदि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड चीजें खाएंगे तो इसकी आदत पड़ जाएगी. फिर दिमाग में सेरोटोनिन हार्मोन तभी रिलीज होगा जब आप इन चीजों को खाएंगे. यह हार्मोन फील गुड हार्मोन है. यानी जब तक आप इन्हें खाएंगे नहीं फील गुड का अहसास नहीं होगा. फिर यह यह हार्मोन ज्यादा निकलने लगेगा तो हमेशा उस चीज को पाने की तलब होगी. यह आदत बन जाएगी. इसलिए जैसे ही आप इन चीजों को देखेंगे तो आपको खाने का मन करेगा चाहे आपका पेट भरा हो या नहीं.
फूड नॉइज क्यों है समस्या
डॉ. बोस कहती हैं कि जब आपका पेट भरा हुआ हो और उसके बाद भी आप खाएंगे तो जाहिर है इससे आपके शरीर में कैलोरी बढ़ेगी और यह कैलोरी खर्च नहीं होने पर चर्बी में बदल जाएगी. यह चर्बी मोटापा का कारण बनेगी और इस मोटापे से आपको कई तरह की बीमारियां होंगी. इससे फैटी लिवर डिजीज, हार्ट डिजीज, लिवर की बीमारी, हाई ब्लड फ्रेशर जैसे समस्या हो सकती है. इससे हाई कोलेस्ट्रॉल और स्लीप एप्निया भी हो सकता है. इसलिए इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है.
फूड नॉइज से कैसे छुटकारा पाएं
1. हेल्दी खान-पान अपनाएं- जिन चीजों के कारण फूड नॉइज हुआ है, पहले उसे ही ठीक करें. फूड नॉइज गलत खान-पान के कारण होता है. इसलिए पहले गलत खान-पान जो है, उसे ठीक करें. डॉ. बोस बताती हैं कि अगर आपके घर में हेल्दी भोजन मौजूद नहीं होगा, तो वह आपकी प्लेट में भी नहीं आएगा. इसलिए हफ्ते भर के भोजन की योजना बनाकर शुरुआत करें और उसी अनुसार सामग्री खरीदें. फलों और सब्ज़ियों को पहले से धोकर और काटकर रखना, स्वस्थ खाना पकाने को आसान बना सकता है. एक और अच्छा तरीका यह है कि अनहेल्दी फूड जैसे कि आलू चिप्स, बिस्कुट, पैकेटबंद फूड आदि को छिपाकर रखें, ताकि उन्हें खाने का लालच कम हो.
2. सोच-समझकर भोजन करें-डॉ. बोस बताती हैं कि समय पर और सोच-समझकर खाना जरूरी है. ऐसा क्यों? क्योंकि भोजन शरीर के लिए ईंधन है. अगर शरीर को ईंधन नहीं मिलेगा, तो मेटाबॉलिक रेट धीमी हो जाएगी. जब आप समय पर खाते हैं, तो आप ज़्यादा स्वस्थ महसूस करते हैं और आपके पास व्यायाम करने के लिए भी ज़्यादा ऊर्जा होती है.
3.एक्सरसाइज- रोज एक्सरसाइज करेंगे तो खाने-पीने की गलत आदतें भी धीरे-धीरे चली जाएंगी. डॉ. रीना बोस कहती हैं कि एक्सरसाइज़ आपकी मांसपेशियां मज़बूत करने और मसल मास बनाए रखने में मदद करती है. इससे आपका वजन भी नियंत्रण में रहता है.
4. तनाव कम करें– दैनिक जीवन में किसी न किसी तरह का तनाव होना आम बात है लेकिन अत्यधिक तनाव खाने के चुनाव में गलत फैसलों की ओर ले जा सकता है. इसलिए जब जीवन में बहुत ज़्यादा तनाव होता है तो उसे स्वस्थ तरीके से संभालना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में किसी मनोवैज्ञानिक से बात करना मददगार हो सकता है, जो भावनात्मक भूख से निपटने में आपकी सहायता करेगा. तनाव कम करने के अन्य तरीकों में म्यूजिक सुनें, योग और ध्यान करें.
5.नींद को प्राथमिकता दें-इस बात पर ध्यान दें कि आप कितनी अच्छी नींद ले रहे हैं. अगर नींद की गुणवत्ता खराब है तो सोने की दिनचर्या में बदलाव करके रात की नींद की गुणवत्ता बेहतर की जा सकती है. इसमें सोने से पहले ध्यान करना, देर रात खाने-पीने से बचना और बेडरूम से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दूर रखना शामिल हो सकता है. डॉ. बोस कहती हैं कि अगर आपको अच्छी और गहरी नींद नहीं मिलती, तो हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना बहुत मुश्किल हो जाता है.
6. डॉक्टरों से सलाह लें- अगर आपका वजन बढ़ा हुआ तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें. ओजेंपिक और वीगोवी वजन कम करने और डायबिटीज को कंट्रोल करने में प्रभावित साबित होने लगा लेकिन बिना डॉक्टरो की सलाह इसे नहीं ले. इसके साथ अगर कुछ अन्य समस्या है तो वह भी डॉक्टरों से परामर्श लें.
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