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खाने या चाय में इस्तेमाल होने वाला सामान्य साथी, जो सुधारता है दर्द और ब्लड फ्लो, जानें इसके फायदे – Uttarakhand News

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अदरक सिर्फ खाना या चाय में स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं है, बल्कि आयुर्वेद में इसे महा औषधि माना जाता है. इसके इस्तेमाल से पाचन दुरुस्त रहता है, जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द कम होता है, रक्त संचार बेहतर होता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं में राहत मिलती है.

आयुर्वेद में अदरक का इस्तेमाल सदियों से औषधि के रूप में होता आ रहा है. यह भारतीय घरों की रसोई में प्राचीन समय से मौजूद है और इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. खाना हो या चाय, अदरक के उपयोग से शरीर में होने वाले कई विकार ठीक किए जा सकते हैं. आयुर्वेद के अनुसार अदरक को एक महा औषधि माना जाता है.

आमतौर पर अदरक का इस्तेमाल दो रूपों में किया जाता है: ताजा अदरक और सुखा हुआ अदरक, जिसे सोंठ कहा जाता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पेट में गैस जैसी समस्याओं को दूर करता है. आयुर्वेद में अदरक को स्वास्थ्य के लिए एक रामबाण औषधि माना जाता है.

वैद्य उमाशंकर के अनुसार आयुर्वेद में अदरक एक महा औषधि है. इसके उपयोग से गले की खराश, खुरदरापन, खांसी और सर्दी जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैं. अदरक को कूटकर चाय में डालकर पीना, भूनकर खाना या शुद्ध शहद में मिलाकर लेना गले की समस्याओं जैसे कफ और सूजन को कम करने में बेहद कारगर होता है. अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं.

वैद्य उमाशंकर बताते हैं कि अदरक शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाले दर्द को कम करने में बेहद लाभदायक है. इसके सही इस्तेमाल से हड्डियों का दर्द, बदन दर्द और अन्य प्रकार के दर्द में फायदा होता है. आयुर्वेद में इसे दर्द से छुटकारा पाने के लिए महा औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है.

अदरक भारतीय घरों की रसोई का एक आम हिस्सा है और इसका इस्तेमाल सेहत बनाए रखने में मदद करता है. आयुर्वेद में इसे महा औषधि कहा जाता है क्योंकि यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और गैस, एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है. अदरक जठराग्नि यानी पाचन अग्नि को सक्रिय और संतुलित रखता है.

आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में तीन मुख्य दोष—वात, पित्त और कफ—होते हैं। जब वात दोष बढ़ता है, तो मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, माइग्रेन या गठिया जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. अदरक का नियमित इस्तेमाल वात दोष को संतुलित करता है, जिससे शरीर में दर्द और असुविधा की समस्याएं कम होती है.

आयुर्वेद में अदरक को रक्त संचार सुधारने वाला उपाय माना जाता है. अदरक के नियमित उपयोग से हृदय का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है, जिससे शरीर में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होता है.

वे आगे बताते हैं कि अदरक का इस्तेमाल गर्भावस्था में होने वाली कुछ परेशानियों को कम करने में मदद करता है. खासकर अगर गर्भवती महिलाओं को मिचली या उल्टी महसूस हो रही हो, तो अदरक इसे ठीक करने में असरदार होता है. इसके अलावा, यात्रा के दौरान होने वाली उल्टी या मतली में भी अदरक राहत देता है.

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