Low Cholesterol Ghee: भारतीय रसोई में घी सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत का खजाना भी है. चाहे दाल में तड़का लगाना हो या रोटी को नरम बनानी हो- घी हर घर की जरूरत है. लेकिन अक्सर लोग एक सवाल पूछते हैं कि गाय का घी बेहतर है या भैंस का? दोनों ही देखने में एक जैसे लगते हैं, पर इनके गुण, स्वाद और असर में बड़ा फर्क होता है. कई लोग यह मानते हैं कि भैंस के घी में फैट और कोलेस्ट्रॉल तुलना में अधिक होता है, जबकि गाय का घी दिल और पेट के लिए बेहतर होता है. तो आइए जानते हैं इन दोनों तरह के घी का अंतर और सेहत के लिए कौन-सा है सही विकल्प.
रंग और बनावट में फर्क-
गाय का घी हल्के पीले रंग का होता है और इसकी खुशबू बहुत माइल्ड होती है. यह हल्का और आसानी से पचने वाला माना जाता है. वहीं भैंस का घी सफेद रंग का और गाढ़ा होता है. इसका स्वाद थोड़ा ज्यादा रिच और भारी होता है. भैंस के घी को खाने के बाद पेट में भारीपन महसूस हो सकता है, जबकि गाय का घी हल्का लगता है.

आयुर्वेद क्या कहता है?
आयुर्वेद के अनुसार, गाय का घी “सात्विक” माना गया है यानी यह शरीर और मन को शांत करता है. यह पाचन को मजबूत बनाता है और शरीर में ठंडक बनाए रखता है.
दूसरी तरफ, भैंस का घी “तामसिक” कहा गया है, यानी यह शरीर में ताकत और ऊर्जा बढ़ाता है. इसे उन लोगों के लिए फायदेमंद बताया गया है जिन्हें वजन बढ़ाना हो या ज्यादा एनर्जी चाहिए.
पाचन के लिहाज से कौन बेहतर?
गाय का घी हल्का होने की वजह से पाचन के लिए बेहतर है. इसे रोजमर्रा के खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है. यह शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है और बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए उपयुक्त है.
वहीं भैंस का घी ज्यादा फैट और कैलोरी वाला होता है. इसे पचाने में वक्त लगता है, इसलिए ठंडे मौसम या मेहनत वाले काम करने वाले लोगों के लिए यह बेहतर रहता है.
कोलेस्ट्रॉल और फैट की तुलना-
भैंस के घी में फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए जिन लोगों को हृदय या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उन्हें इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए.
वहीं गाय का घी हल्का होता है और इसमें अच्छे फैट (HDL) की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर के लिए फायदेमंद है. अगर आप दिल की सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं या वजन नियंत्रित करना चाहते हैं, तो गाय का घी बेहतर विकल्प है.
स्वाद और उपयोग का अंतर-
भैंस का घी अपने रिच फ्लेवर और गाढ़ेपन के कारण मिठाइयों और त्योहारों के पकवानों में ज्यादा इस्तेमाल होता है. वहीं गाय का घी रोजमर्रा की कुकिंग के लिए परफेक्ट है, जैसे दाल, रोटी, सब्जी या खिचड़ी में.
दोनों का स्मोक पॉइंट ज्यादा होता है, यानी इन्हें तड़के या फ्राइंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
स्टोरेज और शेल्फ लाइफ-
भैंस का घी ज्यादा फैटी होने की वजह से लंबे समय तक खराब नहीं होता. यह महीनों तक चल सकता है. वहीं गाय का घी हल्का होने के कारण थोड़े समय में इस्तेमाल करना बेहतर होता है.
किसे चुनें?
अगर आप हेल्दी और हल्का घी चाहते हैं जो रोजमर्रा के खाने में फिट बैठे और पाचन पर असर न डाले, तो गाय का घी आपके लिए सही है.
लेकिन अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, बहुत एक्टिव लाइफ जीते हैं या सर्दी के मौसम में कुछ एनर्जेटिक खाना चाहते हैं, तो भैंस का घी एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
दोनों ही घी अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं, फर्क बस आपकी बॉडी और जरूरत का है. गाय का घी दिल और पाचन के लिए हल्का है, जबकि भैंस का घी ताकत और एनर्जी देता है. इसलिए अगली बार घी खरीदते वक्त सोच-समझकर चुनें, क्योंकि सही घी आपकी थाली ही नहीं, सेहत भी बदल सकता है.
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