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जापानी वॉकिंग के फायदे और इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग का तरीका

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जापानी वॉकिंग यानी इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग 30 मिनट में तेज और धीमी चाल का कॉम्बिनेशन है, जो फिटनेस, एंटी-एजिंग, हार्ट हेल्थ और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है.

जापानी वॉकिंग के फायदे और इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग का तरीका

आज की बिज़ी लाइफस्टाइल में हर कोई चाहता है कि कम समय में फिट बॉडी और हेल्दी लाइफ मिल जाए. इसी तलाश ने दुनिया को एक नया ट्रेंड दिया है जापानी वॉकिंग. इसे वैज्ञानिक भाषा में इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग (IWT) कहते हैं. जापान में विकसित यह तरीका अब दुनियाभर में वायरल हो रहा है क्योंकि यह न सिर्फ फिटनेस बढ़ाता है, बल्कि एंटी-एजिंग में भी मदद करता है.

क्या है जापानी वॉकिंग?

आम तौर पर हम सुनते आए हैं कि “10,000 कदम रोज़ चलना सेहत के लिए सबसे अच्छा है”. लेकिन जापानी वॉकिंग इस सोच को और स्मार्ट बना देती है. इसमें आपको 30 मिनट का सेशन करना होता है:

  • 3 मिनट तेज़ चलना
  • 3 मिनट धीमी चाल से चलना
  • इसे 5 बार दोहराने पर आपका 30 मिनट का वॉकिंग सेशन पूरा हो जाता है. यह पैटर्न देखने में आसान है, लेकिन असर जबरदस्त.
IWT कैसे करता है काम?
  • मेटाबोलिज़म बूस्ट करता है तेज और धीमी चाल का कॉम्बिनेशन शरीर की एनर्जी को एक्टिव करता है.
  • हार्ट हेल्थ बेहतर बनाता है ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर पॉज़िटिव असर डालता है.
  • फैट बर्निंग तेज होती है साधारण वॉकिंग के मुकाबले ज्यादा कैलोरी बर्न होती है.
  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है यह पैटर्न मांसपेशियों और हड्डियों दोनों को मज़बूत करता है.
  • सीनियर्स के लिए वरदान 60+ उम्र के लोगों में बैलेंस, ब्लड शुगर और दिल की सेहत में सुधार देखा गया है.

जापान में हुए रिसर्च में पाया गया कि इस स्टाइल को अपनाने वाले लोगों का ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल काफी हद तक कंट्रोल में रहा.

सिर्फ शरीर नहीं, दिमाग भी होता है शार्प

यह वॉकिंग पैटर्न रक्त संचार बढ़ाता है, जिससे अंगों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है और पोषक तत्व अच्छे से अवशोषित होते हैं. इतना ही नहीं, यह मानसिक स्पष्टता (क्लैरिटी) भी बढ़ाता है और स्ट्रेस कम करता है.
युवाओं के लिए और भी इंटेंस वर्ज़न

अगर आप इस 30 मिनट की जापानी वॉकिंग को और पावरफुल बनाना चाहते हैं तो कुछ बदलाव कर सकते हैं:

  1. हाथों में हल्के वेट्स लेकर चलें, इससे कैलोरी ज्यादा बर्न होगी और मसल्स टोन होंगे.
  2. इनडोर में करें तो ज़िग-ज़ैग रास्ते, बैकवर्ड वॉक या फिगर-8 ट्रैक ट्राई करें.
  3. इससे शरीर की अनदेखी मांसपेशियां भी एक्टिव होंगी और दिमाग भी अलर्ट रहेगा.
जापानी वॉकिंग कोई मुश्किल वर्कआउट नहीं, बल्कि एक स्मार्ट तरीका है जिसे हर कोई आसानी से अपना सकता है. चाहे आप ऑफिस जाने वाले हों, हाउसवाइफ हों या रिटायर सीनियरयह 30 मिनट की वॉकिंग आपके शरीर और दिमाग दोनों को रीचार्ज कर सकती है.

Deepika Sharma

दीपिका शर्मा प‍िछले 5 सालों से Bharat.one Hindi में काम कर रही हैं. News Editor के पद पर रहते हुए Entertainment सेक्‍शन को 4 सालों तक लीड करने के साथ अब Lifestyle, Astrology और Dharma की टीम को लीड कर रही हैं. पत्र…और पढ़ें

दीपिका शर्मा प‍िछले 5 सालों से Bharat.one Hindi में काम कर रही हैं. News Editor के पद पर रहते हुए Entertainment सेक्‍शन को 4 सालों तक लीड करने के साथ अब Lifestyle, Astrology और Dharma की टीम को लीड कर रही हैं. पत्र… और पढ़ें

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जापानी वॉकिंग के फायदे और इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग का तरीका

आज की बिज़ी लाइफस्टाइल में हर कोई चाहता है कि कम समय में फिट बॉडी और हेल्दी लाइफ मिल जाए. इसी तलाश ने दुनिया को एक नया ट्रेंड दिया है जापानी वॉकिंग. इसे वैज्ञानिक भाषा में इंटरवल वॉकिंग ट्रेनिंग (IWT) कहते हैं. जापान में विकसित यह तरीका अब दुनियाभर में वायरल हो रहा है क्योंकि यह न सिर्फ फिटनेस बढ़ाता है, बल्कि एंटी-एजिंग में भी मदद करता है.

क्या है जापानी वॉकिंग?

आम तौर पर हम सुनते आए हैं कि “10,000 कदम रोज़ चलना सेहत के लिए सबसे अच्छा है”. लेकिन जापानी वॉकिंग इस सोच को और स्मार्ट बना देती है. इसमें आपको 30 मिनट का सेशन करना होता है:

  • 3 मिनट तेज़ चलना
  • 3 मिनट धीमी चाल से चलना
  • इसे 5 बार दोहराने पर आपका 30 मिनट का वॉकिंग सेशन पूरा हो जाता है. यह पैटर्न देखने में आसान है, लेकिन असर जबरदस्त.
IWT कैसे करता है काम?
  • मेटाबोलिज़म बूस्ट करता है तेज और धीमी चाल का कॉम्बिनेशन शरीर की एनर्जी को एक्टिव करता है.
  • हार्ट हेल्थ बेहतर बनाता है ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल पर पॉज़िटिव असर डालता है.
  • फैट बर्निंग तेज होती है साधारण वॉकिंग के मुकाबले ज्यादा कैलोरी बर्न होती है.
  • मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है यह पैटर्न मांसपेशियों और हड्डियों दोनों को मज़बूत करता है.
  • सीनियर्स के लिए वरदान 60+ उम्र के लोगों में बैलेंस, ब्लड शुगर और दिल की सेहत में सुधार देखा गया है.

जापान में हुए रिसर्च में पाया गया कि इस स्टाइल को अपनाने वाले लोगों का ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल काफी हद तक कंट्रोल में रहा.

सिर्फ शरीर नहीं, दिमाग भी होता है शार्प

यह वॉकिंग पैटर्न रक्त संचार बढ़ाता है, जिससे अंगों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है और पोषक तत्व अच्छे से अवशोषित होते हैं. इतना ही नहीं, यह मानसिक स्पष्टता (क्लैरिटी) भी बढ़ाता है और स्ट्रेस कम करता है.
युवाओं के लिए और भी इंटेंस वर्ज़न

अगर आप इस 30 मिनट की जापानी वॉकिंग को और पावरफुल बनाना चाहते हैं तो कुछ बदलाव कर सकते हैं:

  1. हाथों में हल्के वेट्स लेकर चलें, इससे कैलोरी ज्यादा बर्न होगी और मसल्स टोन होंगे.
  2. इनडोर में करें तो ज़िग-ज़ैग रास्ते, बैकवर्ड वॉक या फिगर-8 ट्रैक ट्राई करें.
  3. इससे शरीर की अनदेखी मांसपेशियां भी एक्टिव होंगी और दिमाग भी अलर्ट रहेगा.
जापानी वॉकिंग कोई मुश्किल वर्कआउट नहीं, बल्कि एक स्मार्ट तरीका है जिसे हर कोई आसानी से अपना सकता है. चाहे आप ऑफिस जाने वाले हों, हाउसवाइफ हों या रिटायर सीनियरयह 30 मिनट की वॉकिंग आपके शरीर और दिमाग दोनों को रीचार्ज कर सकती है.

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