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तीर के आकार की पतियों वाला ये पौधा… कर देगा मलेरिया-डेंगू गायब! लीवर के लिए रामबाण – Uttar Pradesh News

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Benefits Of Using Sharpunkha : तीर जैसी पत्तियों वाला ये पौधा सिर्फ दिखने में साधारण है. क्या आप जानते हैं कि यह मलेरिया और डेंगू से राहत दिला सकता है और आपके लिवर व पेट की तिल्ली को भी मजबूत बनाता है? इसके पत्तों का रस या चूर्ण हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है.

सहारनपुर : सदियों से हमारे बड़े-बुज़ुर्ग तरह-तरह के पेड़-पौधों और जड़ी-बूटियों से बीमारियों का इलाज किया करते थे. लेकिन आज की पीढ़ी ज़्यादातर इंग्लिश दवाइयों पर निर्भर हो गई है, जो केवल अस्थायी आराम तो देती हैं, लेकिन बीमारी की जड़ को खत्म नहीं करतीं. इन्हीं पारंपरिक औषधियों में से एक है शरपुंखा. यह एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो लिवर को स्वस्थ रखने, पाचन तंत्र को मजबूत करने, त्वचा के घाव भरने और रक्त को शुद्ध करने में बेहद फायदेमंद मानी जाती है. इसके ज्वरनाशक गुण बुखार को कम करने में मदद करते हैं, वहीं इसके मूत्रवर्धक गुण गुर्दों की कार्यप्रणाली को दुरुस्त रखते हैं.

एक्सपर्ट के अनुसार शरपुंखा केवल लिवर और पाचन के लिए ही नहीं, बल्कि यह एक कृमिनाशक औषधि भी है. खासकर महिलाओं में प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में यह बेहद लाभकारी मानी जाती है. इसकी पत्तियों का रस बनाकर पिलाने से पेट में बढ़ी हुई तिल्ली को तुरंत आराम मिलता है. इसकी सबसे खास बात यह है कि छोटे बच्चों से लेकर बड़े-बुज़ुर्ग तक इसका सेवन कर सकते हैं और इसका अधिक उपयोग भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं करता. यही कारण है कि शरपुंखा का पौधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

मलेरिया या डेंगू के इलाज में कारगर
आयास आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉक्टर हर्ष ने बताया कि शरपुंखा नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ‘शर’ का मतलब तीर और ‘पुंख’ का मतलब पत्ता है. इसकी पत्तियां तीर के आकार में टूटती हैं, इसलिए इसे शरपुंखा कहा गया. इसका बोटैनिकल नाम Tephrosia purpurea है. डॉक्टर हर्ष के अनुसार, शरपुंखा लिवर और स्प्लीन के लिए बहुत फायदेमंद है. यह लिवर की किसी भी प्रकार की बीमारी, लिवर में सूजन या पेट की तिल्ली में सूजन को ठीक करने में मदद करता है. यह अक्सर मलेरिया या डेंगू के मामलों में देखा जाता है, जब पेट की तिल्ली बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में शरपुंखा के पत्तों का स्वरस निकालकर दिन में तीन बार, दो-दो चम्मच सेवन करने से जल्दी लाभ मिलता है.

इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर हर्ष के अनुसार, शरपुंखा आपके लिवर और पेट की तिल्ली को ठीक करने में मदद करता है. हालांकि इसका रस लेने की मात्रा पेशेंट की उम्र और स्थिति पर निर्भर करती है. सामान्य वयस्कों के लिए यह दिन में तीन बार 20–30 मिलीलीटर, छोटे बच्चों के लिए 5 मिलीलीटर और बहुत छोटे बच्चों के लिए 2.5 मिलीलीटर होती है. यदि पेशेंट की स्थिति गंभीर हो, तो इसे हर 1–2 घंटे में भी लिया जा सकता है. शरपुंखा का चूर्ण भी उपयोगी है, जो पेशेंट की स्थिति के अनुसार 5–15 ग्राम तक दिया जा सकता है. अधिक मात्रा लेने के बाद भी इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं पाया गया है, इसलिए यह सुरक्षित और असरदार उपाय माना जाता है.

मृत्‍युंजय बघेल

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु… और पढ़ें

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तीर के आकार की पतियों वाला ये पौधा… कर देगा मलेरिया-डेंगू गायब!

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-benefits-of-using-sharpunkha-in-malaria-dengue-lever-identification-side-effects-local18-9661984.html

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