अंबाला में दिवाली के बाद से हवा की गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है, जिससे लोगों को सांस और आंखों से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं. इस साल दिवाली के दौरान पटाखों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण हवा में प्रदूषकों की मात्रा बढ़ गई, जिससे सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, और गले में खराश जैसी समस्याएं लोगों को झेलनी पड़ रही हैं. यह समस्या छोटे बच्चों और बुजुर्गों में अधिक गंभीर देखी जा रही है, जिनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.
प्रदूषण के बाद स्वास्थ्य समस्याओं में बढ़ोतरी
अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में इलाज करवाने आए संजीव कुमार ने Bharat.one को बताया कि दिवाली की रात पटाखों के धुएं के कारण उनकी बेटी पुरवी को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. वह तुरंत उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने दवाइयां देकर इलाज शुरू किया. संजीव ने कहा कि उनकी बेटी की हालत धीरे-धीरे सुधर रही है, लेकिन उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण यह समस्या काफी आम हो गई है.
नागरिक अस्पताल के डॉक्टर दिलीप ने भी यह जानकारी दी कि दिवाली के बाद से सांस संबंधी समस्याओं के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है. अधिकतर मरीज सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश, और आंखों में जलन जैसी समस्याओं से परेशान हैं. डॉक्टर दिलीप ने कहा कि पटाखों से निकलने वाला धुआं और रासायनिक प्रदूषक हवा में मिलकर लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहे हैं.
प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाव के तरीके
डॉक्टर दिलीप ने लोगों को प्रदूषण से बचने के लिए कुछ उपाय भी बताए. उन्होंने कहा कि प्रदूषण के इस दौर में लोग मास्क पहनकर बाहर निकलें, विशेषकर बुजुर्ग, छोटे बच्चे, और अस्थमा के मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. साथ ही, उन्होंने लोगों से कहा कि जब तक बहुत आवश्यक न हो, घर से बाहर निकलने से बचें, क्योंकि बाहर की हवा में प्रदूषण का स्तर अधिक है.
वातावरण में धूल और धुएं की अधिकता के कारण लोगों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टर दिलीप ने कहा कि मॉनसून सीजन के कारण वातावरण में नमी अधिक होती है, जो धुएं और प्रदूषकों को ज्यादा देर तक हवा में बनाए रखती है, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ जाता है.
प्रदूषण के प्रभाव से बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा
सांस से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस प्रदूषित हवा से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. डॉक्टर दिलीप ने कहा कि जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें खास तौर पर सावधान रहने की जरूरत है. ऐसे लोग अगर इस समय बाहर जाते हैं, तो वे मास्क पहनकर और चेहरे को कवर करके खुद का बचाव कर सकते हैं.
समस्या आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
डॉक्टर दिलीप ने यह भी सुझाव दिया कि अगर किसी को सांस से जुड़ी समस्या, आंखों में जलन, या गले में खराश जैसी दिक्कतें होती हैं, तो वे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. प्रदूषण के कारण उत्पन्न ये समस्याएं अक्सर गंभीर रूप ले सकती हैं, इसलिए समय पर चिकित्सकीय सहायता लेना आवश्यक है.
FIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 12:22 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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