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अप्रैल में उत्तर भारत में तापमान 40 डिग्री पार, पेट की गर्मी बढ़ी. आदिवासी वैद्य शिवा के अनुसार अमर फल का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लेने से पाचन और पेट की गर्मी में राहत मिलती है.
शिवा आदिवासी
हाइलाइट्स
- अमर फल का चूर्ण पेट की गर्मी में राहत देता है.
- अमर फल का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें.
- अमर फल पाचन और पेट की गर्मी में असरदार है.
प्रयागराज: अप्रैल का महीना आते ही उत्तर भारत में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने लगा है, जिससे लोग गर्मी की मार झेल रहे हैं. इस गर्मी के कारण जहां लोग शरीर को ठंडा रखने के उपाय खोज रहे हैं, वहीं खानपान में सही संतुलन न होने के कारण पेट की गर्मी भी बढ़ती जा रही है. कई लोग ठंडे पेय पदार्थों का सेवन करते हैं, लेकिन पेट का पाचन ठीक से न होने की वजह से राहत नहीं मिलती. ऐसे में आदिवासी चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े विशेषज्ञ और वेदिक चिकित्सा के जानकार शिवा का मानना है कि अमर फल जैसी प्राचीन जड़ी-बूटियां इस समस्या का असरदार इलाज हो सकती हैं.
अमरफल एक वरदान
Bharat.one से बातचीत में आदिवासी वैद्य शिव ने बताया कि अमर फल का चूर्ण (चूरन) खाने के बाद गुनगुने पानी के साथ सेवन करना चाहिए, जिससे शरीर को स्वास्थ्य लाभ मिलता है. यह फल जंगलों में मिलता है, और इसमें किसी प्रकार की रासायनिक मिलावट नहीं होती. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी पहचान सभी को नहीं होती, लेकिन हम आदिवासी लोग इन जड़ी-बूटियों को पहचानकर उन्हें खाने योग्य तैयार करते हैं. अगर खाना खाने के बाद पाचन ठीक से नहीं हो रहा है और पेट की गर्मी से समस्या उत्पन्न हो रही है, तो अमर फल का सेवन 15 दिनों तक करने से आराम मिलता है. गुजरात के आदिवासी शिवा के अनुसार, यदि पाचन सही है तो शरीर में कोई अन्य समस्या उत्पन्न नहीं होती, क्योंकि खराब पाचन से पेट में गर्मी बढ़ती है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
हजारों वर्षों से प्रचलित जड़ी-बूटी
अमर फल और अन्य जड़ी-बूटियों के बारे में आदिवासी शिवा ने बताया कि ये जड़ी-बूटियाँ हजारों सालों से उपयोग में लाई जा रही हैं. इनका प्रयोग करके हम शरीर में हो रहे बदलावों को पहचान सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अमर फल मध्य प्रदेश के पातालकोट जंगलों से आता है, और इसे तैयार करने में 5 से 8 दिनों का समय लगता है. बाजार में इसकी कीमत 300 रुपये से शुरू होती है. इसके सेवन से वायु, पित्त, गैस, घुटने के दर्द, माइग्रेन जैसी समस्याओं का इलाज संभव है. पेट और छाती की जलन को भी यह जड़ी-बूटी ठीक करती है. अमर फल के चूर्ण को तैयार करने में स्वास बूटी और पहाड़ी सालम जैसी प्रमुख जड़ी-बूटियाँ भी मिलाई जाती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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