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Facebook Insta Negative Impact: अगर आपके बच्चे फेसबुक, इंस्टा, व्हाट्सएप आदि सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं तो इसे तुरंत रोक दीजिए क्योंकि इससे बच्चे का दिमाग कुंद हो सकता है. यह बात नई रिसर्च में सामने आई है.
Facebook Insta Negative Impact: क्या आपका टीनएज बच्चा यानी 10-12 साल होते ही फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप आदि की लत में गिरफ्त हो चुके हैं. यदि ऐसा है तो तुरंत रोक दीजिए क्योंकि इससे आपके बढ़ते बच्चे का दिमाग कुंद हो सकता है. इससे टीनएज बच्चों में बौद्धिक प्रदर्शन में कमी आने लगती है. एक हालिया रिसर्च में इस बात का दावा किया गया है. हालांकि पहले से अध्ययन में यह बात साबित हो चुकी है कि सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल बौद्धिक क्षमता को प्रभावित करता है लेकिन टीनएज से पहले यह ज्यादा खतरनाक है.
सीखने की क्षमता होती है प्रभावित
जामा नेटवर्क में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक किशोर उम्र से पहले यानी 9 से 13 साल के लगभग 6,500 बच्चों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि रील्स, मैसेजिंग जैसी चीजें इन बच्चों के दिमाग को बौद्धिक रूप से कमजोर कर रही है. अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इन बच्चों को तीन समूहों में बांटा ताकि यह समझा जा सके कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल उनके दिमागी प्रदर्शन पर क्या असर डालता है. पहले समूह में वे बच्चे थे जो या तो सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करते या बहुत कम करते थे. दूसरे समूह में वे थे जिनका उपयोग कम था लेकिन धीरे-धीरे बढ़ रहा था. तीसरा समूह उन बच्चों का था जो सोशल मीडिया का अत्यधिक प्रयोग कर रहे थे और जिनका इसका उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा था. अध्ययन में पाया गया कि बच्चों का सोशल मीडिया इस्तेमाल जैसे-जैसे बढ़ा, उनका मानसिक प्रदर्शन उसी अनुपात में घटता गया. इस अध्ययन ने संकेत दिया कि सोशल मीडिया का ज़्यादा इस्तेमाल बच्चों की एकाग्रता और सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है.
परीक्षणों से सामने आया बच्चों का प्रदर्शन
बच्चों की स्क्रीन टाइम की बढ़ती चिंता
रिपोर्ट में कहा गया है कि आज के समय में 12 साल से कम उम्र के बच्चे औसतन रोजाना लगभग पांच घंटे स्क्रीन पर बिताते हैं. इसमें पढ़ाई से जुड़ा समय शामिल नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस पूरे स्क्रीन टाइम का बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खर्च होता है. जैसे वीडियो देखना, चैट करना या पोस्ट साझा करना. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि लंबे समय तक स्क्रीन पर रहने से बच्चों की नींद का पैटर्न, ध्यान और भावनात्मक नियंत्रण पर असर पड़ सकता है. माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करते हुए उन्हें मनोरंजन और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना चाहिए. शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि इस विषय पर और गहराई से अध्ययन किए जाने की जरूरत है ताकि डिजिटल आदतों और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध को बेहतर ढंग से समझा जा सके.
Excelled with colors in media industry, enriched more than 19 years of professional experience. Lakshmi Narayan is currently leading the Lifestyle, Health, and Religion section at Bharat.one. His role blends in-dep…और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-facebook-instagram-whatsapps-negative-impact-on-teens-brain-cognitive-performance-ws-en-9814666.html
