Home Lifestyle Health फैशन या स्‍टाइल नहीं… इस लाइलाज बीमारी से तंग आकर राम कपूर...

फैशन या स्‍टाइल नहीं… इस लाइलाज बीमारी से तंग आकर राम कपूर ने घटाया 55 kg वजन, अपनाया ये तरीका

0



Ram Kapoor Disease: कुछ द‍िनों पहले लंबे समय बाद एक्‍टर राम कपूर अपनी पत्‍नी के साथ मीड‍िया के कैमरों में नजर आए. 140 क‍िलो के राम कपूर का बदला हुआ रूप देख हर कोई हैरान था. राम ने 6 महीनों में 55 क‍िलो वजन घटाया है. उनके इस वेट लॉस की चर्चा इन द‍िनों खूब हो रही है. एक्‍टर ने खुद भी अपने इस सफर के बारे में व‍िस्‍तार से बताया है. अक्‍सर एक्‍टर या एक्‍ट्रेसेस शोबिजनेस में बने रहने के ल‍िए अपने वजन पर खूब काम करते हैं. लेकिन राम कपूर ने ये वजन फैशन या स्‍टाइल के लि‍ए नहीं घटाया है. बल्‍कि वो एक ऐसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहे हैं, ज‍िससे परेशान हो उन्‍होंने वजन घटाना का फैसला ल‍िया. राम कपूर डायबिटीज से जूझ रहे हैं. मोटापे की वजह से ही उन्हें डायबिटीज (Diabetes) हो गई, जो एक क्रॉनिक डिजीज है, जिसका इलाज नहीं है. इसे सिर्फ मैनेज ही किया जा सकता है. अपने बढ़े हुए वजन के कारण इस बीमारी को मैनेज करने में उन्‍हें काफी परेशानी हो रही थी.

यही वजह है कि एक्‍टर ने इस उम्र में वजन कम करने का और इस बीमारी के साथ एक हेल्‍दी ज‍िंदगी जीने का फैसला ल‍िया. स‍िर्फ डायबि‍टीज ही नहीं, कई ऐसी बीमार‍ियां हैं जो मोटापे के साथ-साथ आपके शरीर को घेर लेती हैं. आपको बताते हैं कि मोटापे और डायबिटीज का आपस में क्‍या कनेक्‍शन है.

मोटापा और डायबिटीज में कनेक्शन

मोटापे और डायबिटीज (विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज) के बीच एक गहरा और महत्वपूर्ण संबंध है। मोटापा विशेष रूप से पेट के आसपास का अतिरिक्त वसा शरीर में कई बदलावों का कारण बनता है, जो इंसुलिन के प्रभाव को प्रभावित कर सकते हैं और डायबिटीज का जोखिम बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं कि दोनों के बीच कनेक्शन कैसे काम करता है:

1. इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance): मोटापे का प्रमुख प्रभाव इंसुलिन रेज‍िस्‍टेंस के रूप में दिखाई देता है. इंसुलिन एक हार्मोन है, जो शरीर में ग्लूकोज को कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है. आपके शरीर का फैट इंसुलिन के प्रभाव को कम कर देता है, जिससे कोशिकाएं इंसुलिन पर सही तरीके से प्रतिक्रिया नहीं करतीं. यही टाइप 2 डायबिटीज का कारण बनता है.

2. दूसरी सूजन (Inflammation): मोटापे के कारण शरीर में सूजन यानी इंफ्लेमेशन भी होती है, जो इंसुलिन रेज‍िस्‍टेंस को बढ़ा देती है.

3. फैट और हार्मोन का असंतुलन: मोटापा शरीर में हार्मोनल ड‍िसबैलेंस भी पैदा कर सकता है, जैसे कि लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर) में बदलाव और अन्य हार्मोन जो रक्त शुगर को कंट्रोल करते हैं. यह असंतुलन डायबिटीज के खतरे को और बढ़ा सकता है.

4. पेट की वसा (Visceral Fat): अक्‍सर मोटापे में पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है. इसे विसरल फैट कहते हैं. यही व‍िसरल फैट टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को ज्‍यादा बढ़ा देता है. यह फैट शरीर के कई इंटरनल ऑर्गन्‍स पर जमा हो जाता है, जो शरीर के मेटाबॉल‍िज्‍म पर असर डालता है.

5. बायोकेमिकल बदलाव: मोटापा शरीर में बायोकेमिकल बदलावों का कारण बन सकता है, जैसे कि अधिक ग्लूकोज का उत्पादन और ब्‍लड शगुर के स्‍तर में वृद्धि, जो समय के साथ डायबिटीज का कारण बन सकती है.




.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-ram-kapoor-is-struggling-with-this-incurable-disease-reduced-his-weight-from-140-to-55-kg-adopted-this-unique-method-8934705.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version