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Van Tulsi Ke Fayde: बरसात के मौसम के बाद पलामू की सड़क किनारे वन तुलसी नजर आती है. ज्यादातर लोग इसे पहचानते नहीं, इसलिए इसके औषधीय गुणों से भी अनजान रहते हैं.
बरसात के मौसम के बाद पलामू की सड़क किनारे आपको एक खास पौधा नजर आता है, जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. यह पौधा है वन तुलसी. ज्यादातर लोग इसे पहचानते नहीं, इसलिए इसके औषधीय गुणों से भी अनजान रहते हैं. जबकि यह पौधा कई बीमारियों को पलभर में दूर करने की क्षमता रखता है. अगर आप भी नहीं जानते तो देखें ये रिपोर्ट
आयुर्वेद जानकार शिव कुमार पांडे के अनुसार, वन तुलसी, जिसे लोग जंगली तुलसी या बर्बरी तुलसी भी कहते हैं. हमारे घरों में मिलने वाली तुलसी से आकार में बड़ी होती है. इसकी पत्तियों से निकलने वाली सुगंध न सिर्फ ताजगी देती है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है. ये तुलसी यूं तो तुलसी के हीं प्रकार है लेकिन ये रामा तुलसी और श्यामा तुलसी से अलग है. चुकी इसका सुगंध भी अलग होता है.
शिव कुमार पांडे बताते हैं कि वन तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इसके सेवन से सर्दी-खांसी, श्वसन संबंधी रोग और पाचन की समस्या में राहत मिलती है. वहीं आयुर्वेद में इसकी कई तरह की दवाएं बनाई जाती है.
उन्होंने बताया कि अगर किसी को सर्दी-जुकाम है तो वन तुलसी की पत्तियों का रस 5 मि.ली. शहद या अदरक के रस के साथ मिलाकर दिन में दो बार लेने से फायदा होता है. इसके अलावा वन तुलसी की पत्तियों को चाय में डालकर पीने से सर्दी और खांसी में काफी राहत मिलती है. अगर आप कहीं ट्रिप पर निकले है और चाय बनाने का मन हो तो स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते है.
वन तुलसी न सिर्फ श्वसन रोगों में बल्कि पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद है. गैस, कब्ज, अपच और पेट की ऐंठन जैसी समस्याओं में यह कारगर है. इसका काढ़ा बनाकर पीने से बुखार में भी लाभ होता है.
उन्होंने कहा कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुण त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं और नमी बनाए रखते हैं. चरम रोग (त्वचा रोग) में इसका लेप लाभकारी माना जाता है. शिव कुमार पांडे कहते हैं कि इसके बीज और शहद का भी दवाइयों में उपयोग किया जाता है.
उन्होंने यह भी लोकल18 को बताया कि वन तुलसी का प्रयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. इसका वीर्य उष्ण होता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए. किसी भी गंभीर समस्या में चिकित्सक की सलाह जरूरी है. अन्यथा गर्भवती महिलाओं के लिए परेशानी बढ़ सकती है.
आगे कहा कि कि वन तुलसी पलामू के ग्रामीण इलाकों में आसानी से मिल जाती है. इसकी पहचान और उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है. क्योंकि यह पौधा न सिर्फ बीमारियों से लड़ने में मदद करता है, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी अमूल्य माना जाता है.
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