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Benefits of Millet Bread: बाजरे की रोटी राजस्थान की थाली का स्वाद ही नहीं, सेहत का खज़ाना भी है. यह कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है.
राजस्थान की पारंपरिक थाली में अगर किसी व्यंजन को खास दर्जा दिया गया है तो वो है बाजरे की रोटी. इसका सेवन न सिर्फ स्वाद बढ़ाता है बल्कि शरीर को भी कई तरह से लाभ पहुंचाता है. मगर क्या आप जानते हैं कि बाजरे की यह मोटी रोटी सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है.
बाजरा एक मोटा अनाज है जो प्राचीन काल से भारत की खेती और खान-पान का हिस्सा रहा है. यह खासतौर पर कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है. यही कारण है कि रोजाना बाजरे की रोटी का सेवन करने से शरीर में कैल्शियम की पूर्ति होती है और हड्डियां मजबूत बनती हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो जो लोग गठिया, घुटनों में दर्द या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से परेशान हैं, उन्हें बाजरे की रोटी को अपने नियमित आहार में शामिल करना चाहिए. यह हड्डियों की कमजोरी को दूर करती है और जोड़ो में लचीलापन बनाए रखने में मददगार साबित होती है.
इसके अलावा बाजरा पचने में थोड़ा भारी जरूर होता है लेकिन यह लंबे समय तक पेट भरा रखने में मदद करता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और वजन नियंत्रित रहता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है.
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग बाजरे की रोटी को घी या मक्खन के साथ खाना पसंद करते हैं, जो सर्दियों में शरीर को गर्मी देता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है.
इसलिए अगर आप अब तक सिर्फ स्वाद के लिए बाजरे की रोटी खा रहे थे, तो अब इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों को भी जान लीजिए. रोज एक रोटी, सेहत की गारंटी. बाजरे की रोटी सच में आपकी थाली का हीरा है.
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