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6 Mindful Activities: आज के वक्त में हमारी ज़िंदगी इतनी तेज़ हो गई है कि दिमाग को आराम देने का वक्त ही नहीं मिलता. सुबह से रात तक हम बस भागदौड़ में उलझे रहते हैं – काम, फोन कॉल, नोटिफिकेशन, जिम्मेदारियां और न जाने क्या-क्या लेकिन सच तो ये है कि शरीर से ज़्यादा थकान हमारे मन को लगती है. ऐसे में अगर कुछ साधारण सी आदतें अपनाई जाएं, तो यह तनाव कम करने में मदद कर सकती हैं. खाना बनाना, चाय बनाना, बागबानी करना या कुछ बेक करना जैसी गतिविधियां न सिर्फ मन को व्यस्त रखती हैं, बल्कि हमें वर्तमान पल में जीना सिखाती हैं, ये वो चीज़ें हैं जो बहुत साधारण दिखती हैं पर अंदर से हमें शांति का एहसास कराती हैं. कई विशेषज्ञ भी कहते हैं कि छोटी-छोटी सजग आदतें (Mindful Activities) मन के बोझ को हल्का करती हैं और सोचने की क्षमता को बेहतर बनाती हैं.
1. काटने की थेरपी
रसोई में सब्जियां काटना या पकाने की तैयारी करना सुनने में मामूली लगता है, लेकिन इसमें एक अलग ही सुकून छिपा है. जब आप ध्यान से सब्जियां काटते हैं, तो आपका फोकस एक जगह ठहर जाता है. हर कट के साथ एक रिद्म बनती है जो दिमाग को शांत करती है. इस दौरान न तो फोन की टेंशन होती है, न ऑफिस का प्रेशर – बस आप और वो पल. धीरे-धीरे यह आदत “माइंडफुलनेस” (Mindfulness) को बढ़ाती है और अंदर एक हल्की शांति पैदा करती है.
2. चाय के रिवाज़
चाय सिर्फ एक पेय नहीं, एक एहसास है. जब आप धीरे-धीरे पानी उबालते हैं, पत्तियां डालते हैं और उसकी खुशबू महसूस करते हैं, तो वो पूरा प्रोसेस अपने आप में एक मेडिटेशन बन जाता है. उस उठती भाप को देखना, उसका रंग बदलते देखना – ये सब मन को वर्तमान पल में ले आता है. हरी चाय, ऊलॉन्ग या मसाला चाय – किसी भी तरह की चाय हो, इसे मन लगाकर बनाइए. यह छोटा सा “रीति-रिवाज” दिनभर की टेंशन को कुछ देर के लिए गायब कर देता है.
3. बागबानी का जादू
मिट्टी में हाथ डालना, पौधों को सींचना और उन्हें बढ़ते हुए देखना अपने आप में एक थेरेपी है. बागबानी सिखाती है कि सब चीज़ों में वक्त लगता है – कुछ भी एकदम से नहीं होता. जब आप तुलसी, पुदीना या एलोवेरा जैसे पौधे लगाते हैं, तो उनके साथ एक जुड़ाव बनता है. पौधों के साथ वक्त बिताने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है, बल्कि यह आपको प्रकृति से जोड़ देता है – और यही जुड़ाव अंदर से स्थिरता लाता है.
4. बेकिंग का मज़ा
बेकिंग करने वालों को पता होगा कि यह काम पूरा ध्यान मांगता है. सही माप, सही तापमान और धैर्य – ये तीन चीज़ें बेकिंग को सफल बनाती हैं. जब आप इसमें डूब जाते हैं, तो बाकी सारे विचार गायब हो जाते हैं. ओवन से निकलती खुशबू, ब्रेड या कुकीज़ का सुनहरा रंग – यह सब मन को एक सुकून भरा अनुभव देता है और जब आप उसे खुद बनाकर खाते हैं, तो जो संतोष मिलता है, वो किसी और चीज़ से नहीं मिलता.
5. रंगों से जुड़ाव
रंग भरना या स्केच बनाना केवल बच्चों के लिए नहीं है, ये वयस्कों के लिए भी एक बेहतरीन मानसिक व्यायाम है. जब आप किसी रंग पर फोकस करते हैं, तो आपका दिमाग शांति महसूस करता है. चाहे मंडला आर्ट बनाना हो, डायरी में डूडलिंग करना हो या बस कलर पेंसिल से कुछ स्केच बनाना – ये सब मन के लिए ध्यान (Meditation) जैसा काम करते हैं.
6. लिखना या जर्नलिंग
दिन में सिर्फ 10 मिनट के लिए अपनी सोच को लिखना आपके मन को बहुत हल्का कर सकता है. लिखने से हम अंदर के भावों को शब्द देते हैं. इससे मन साफ़ होता है और खुद को समझने में आसानी होती है. आप चाहें तो “कृतज्ञता डायरी” भी रख सकते हैं – जिसमें रोज़ लिखें कि आज आप किन-किन बातों के लिए thankful हैं. यह छोटा सा अभ्यास आपके दृष्टिकोण को पूरी तरह बदल सकता है.
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