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liquorice benefits : पुराने जमाने में इस उपयोग धड़ल्ले से होता था. लोगों का इस पर अटूट भरोसा था. कई बीमारियों में ये आज भी रामबाण है. अंग्रेजी दवाओं की तरह इसके साइड इफेक्ट भी नहीं हैं.
अल्मोड़ा. कई बीमारियां मौसमी होती हैं. अगर आपको भी गले में खराश, खांसी, सर्दी जुकाम की दिक्कत तो दवाइयां का सेवन छोड़ औषधीय गुणों से भरपूर मुलेठी का सेवन करें. मुलेठी में आपको कई गुण मिल जाते हैं. ये गले की खराश, खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत देती है. पाचन तंत्र ठीक रहता है और इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है. यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद है. जिला अस्पताल अल्मोड़ा के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पंकज वर्मा मुलेठी खाने के कई फायदे बताते हैं. Bharat.one से बातचीत में वे कहते हैं कि पहले के समय में बड़े बुजुर्ग इसका धड़ल्ले ये यूज करते थे. आयुर्वेद में मुलेठी को यष्टिमधु कहा जाता है.
ये रही उपयोग की ट्रिक
डॉ. पंकज वर्मा बताते हैं कि गला खराब होना या लगातार खांसी में मुलेठी खाने से रामबाण का काम करता है. मुलेठी को शहद के साथ या दूध में मिलाकर सुबह शाम सेवन कर सकते हैं. मुलेठी को धीरे-धीरे चूसकर सेवन कर सकते हैं. डॉ. पंकज के अनुसार, अगर आपके गले में लगातार खराश है तो इसे शहद के साथ रात को सोते वक्त खा सकते हैं. अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो आप मुलेठी का सेवन करके अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं. मुलेठी का छोटे बच्चों से लेकर बड़े तक सेवन कर सकते हैं. शरीर के लिए ये रामबाण है.
डॉ. पंकज बताते हैं कि हम अपनी संस्कृति और जड़ों से दूर होते जा रहे हैं. इसलिए ऐसी चीजों का उपयोग भूलते जा रहे हैं. पुराने समय में लोग मुलेठी का सेवन ज्यादा करते थे. पहले के परिवार एक साथ मिलकर रहते थे. जब भी उन्हें ऐसी कोई दिक्कत होती तो वह मुलेठी का सेवन करके अपनी बीमारियों को दूर कर लेते थे. अब लोगों को इसकी जानकारी कम रहती है.
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