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This plant grows on barren land very useful in Ayurveda

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छोटे पतले पत्ते और चारों और कांटे वाला एक पौधा शुष्क जलवायु में उगने वाला पौधा है. राजस्थान की जलवायु इस पौधे के अनुकूल है. आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि इस पौधे को रोगों को भगाने वाला पौधा कहा गया है.

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भटकटैया एक औषधीय पौधा है.

हाइलाइट्स

  • भटकटैया पौधा खांसी, अस्थमा और बुखार में उपयोगी है.
  • भटकटैया का काढ़ा पुरानी खांसी के लिए रामबाण है.
  • पेट दर्द, पथरी और दांत दर्द में भी भटकटैया लाभकारी है.

जयपुर:- प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं, जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है भटकटैया, यह पौधा पथरीली और बंजर जमीन पर अधिक मात्रा में पाया जाता है. आयुर्वेद में इसे कंटकारी के नाम जाना जाता है. खरपतवार के रूप में उगने वाला यह पौधा आयुर्वेद में बहुत उपयोगी है.

आयुर्वेदाचार्य डॉ. वीरेंद्र कुमार शास्त्री ने Bharat.one को बताया कि छोटे पतले पत्ते और चारों और कांटे वाले भटकटैया पौधा शुष्क जलवायु में उगने वाला पौधा है. राजस्थान की जलवायु इस पौधे के अनुकूल है. आयुर्वेदाचार्य ने बताया कि इस पौधे को रोगों को भगाने वाला पौधा कहा गया है. यह पौधा खांसी के मरीजों के लिए वरदान है. पुरानी से पुरानी खांसी का इलाज इस पौधे से ही संभव होता है.

भटकटैया का काढ़ा रामबाण औषधि
आयुर्वेदाचार्य डॉ. वीरेंद्र कुमार शास्त्री ने बताया कि भटकटैया का काढ़ा पुरानी से पुरानी खांसी के मरीजों के इलाज में रामबाण होती है. इसके काढ़ा बनाने की विधि बहुत सरल है. काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले इस पौधे के जड़, तनाव, फल, फूल को अच्छी तरह से धोने के बाद बड़े बर्तन में इसे धीमी आंच पर दो से चार घंटे तक पकाएं. इसके पकाने के बाद जब मात्र एक तिहाई पानी बस जाता है, तो इसे कांच के गिलास या बोतल में भर लेते हैं और गाड़ी के रूप में पिया जाता है.

भटकटैया के औषधीय उपयोग
भटकटैया एक औषधीय पौधा है. इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के लिए लंबे समय से किया जा रहा है. आयुर्वेदाचार्य डॉ. वीरेंद्र कुमार शास्त्री ने Bharat.one को बताया कि सूखी या बलगम वाली खांसी, अस्थमा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए रामबाण औषधि माना जाता है. इसके सेवन से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है. इसके अलावा इसके काढ़ा का सेवन करने से बुखार और शरीर के दर्द में राहत मिलता है. इसका सेवन शरीर के दर्द को दूर करने में सहायक माना गया है.

इसके अलावा पेट दर्द, गैस और अपच जैसी पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक माना होता है. डॉक्टर ने बताया कि भटकटैया के बीजों का धुआं या काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांत दर्द में तुरंत राहत मिलती है. इसके सेवन से मुंह के छाले भी ठीक होते हैं. इसके अलावा मूत्राशय की पथरी के इलाज में भी उपयोगी माना जाता है. इसके सेवन से पथरी के दर्द में तुरंत आराम मिलता है.

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बंजर जमीन पर उगने वाला यह पौधा आयुर्वेद में है बहुत उपयोगी, जानें औषधीय गुण

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


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