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WHO की नई चेतावनी: भारत में बढ़ रही हैं ये नई बीमारियां,जानें इस बारें में!

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कोरोना के बाद बढ़ी बीमारियां

आपने नोटिस किया होगा कि भारत में कोरोना काल के बाद से लगातार कुछ ना कुछ नई बीमारियां देखने को मिल रही हैं. कोरोना काल की दशा ने हर किसी को हैरान कर दिया था. उस समय देश भर में हालात बेहद गंभीर थे. लोग घरों में बंद थे और अपने परिवार और रिश्तेदारों से दूर रहना पड़ रहा था. ऑफिस बंद हो गए थे और हर कोई अपने घर से ही काम कर रहा था. शुरुआत में कोरोना का कोई इलाज दिखाई नहीं दे रहा था, और लोग इस बीमारी को लेकर बेहद डर में थे. उस समय बहुत से लोगों की जान भी कोरोना के चलते चली गई. हालांकि कुछ समय बाद कोरोना पर काबू पाया गया और राहत मिली, लेकिन इसके बाद ही कई नई और लौटती हुई बीमारियों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी. चलिए इन बीमारियों के बारे में जानते हैं-

1. निपाह वायरस: केरल का साइलेंट किलर फिर सक्रिय

सबसे पहले बात निपाह वायरस की. ये एक ऐसा वायरस है जो चमगादड़ों से इंसानों में आता है. WHO ने अगस्त 2025 में एक स्पेशल अलर्ट जारी किया, जिसमें बताया कि भारत के केरल राज्य में इस साल चार कन्फर्म केस मिले हैं. इनमें से दो लोगों की मौत हो गई. केस मई से जुलाई के बीच आए, मलप्पुरम और पलक्कड़ जिलों में. पलक्कड़ में तो ये पहली बार फैला.

निपाह के लक्षण-
पहले बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, फिर ब्रेन में सूजन यानी की एन्सेफलाइटिस. वहीं इसका इंक्यूबेशन पीरियड 4-14 दिन का होता है, लेकिन कभी-कभी 45 दिन तक भी रहता है.

ट्रांसमिशन कैसे होता है?

चमगादड़ों के खाए फल या दूध से, या संक्रमित जानवरों से. ह्यूमन-टू-ह्यूमन कम ही होता है, लेकिन करीबी संपर्क से हो सकता है. WHO के मुताबिक, डेथ रेट 40-100% तक हो सकता है, क्योंकि कोई वैक्सीन या दवा नहीं है. अभी तक केस अलग-अलग लग रहे हैं, कोई चेन नहीं बनी. लेकिन खतरा बड़ा है, क्योंकि केरल जैसे जगहों पर चमगादड़ बहुत हैं.

चिकनगुनिया: जोड़ों का दर्द अब महामारी का रूप ले रहा
अब चिकनगुनिया की बारी. ये मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है, जो बुखार और जोड़ों में तेज दर्द देती है. जुलाई 2025 में WHO ने ग्लोबल अलर्ट दिया कि ये महामारी का खतरा बन रही है. दुनिया के 119 देशों में फैली है, 5.6 बिलियन लोग रिस्क में हैं. 2025 की शुरुआत से ही रीयूनियन, मॉरिशस जैसे द्वीपों पर बड़ा आउटब्रेक हुआ, जहां आबादी का एक-तिहाई हिस्सा प्रभावित. ये अब दक्षिण एशिया, मेडागास्कर, केन्या तक फैल रहा. भारत में भी साउथ एशिया के हिस्से के तौर पर एपिडेमिक ट्रांसमिशन हो रहा है.मच्छर, एडीज एजिप्टी और टाइगर मच्छर, जो जलवायु बदलाव से कहीं भी फैल रहे.

लक्षण: दो दिन का तेज बुखार, फिर हफ्तों-महीनों तक जोड़ों का दर्द. डेथ रेट कम (1% से कम) है, लेकिन लाखों केस हों तो हजारों मौतें हो सकती हैं. भारत में पहले से ही केसेज आ रहे, और गर्मी-बारिश के मौसम में और बढ़ेंगे.

बर्ड फ्लू (H5N1): पक्षियों से इंसानों तक का खतरा
बर्ड फ्लू, यानी एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1. ये पक्षियों में आम है, लेकिन इंसानों में घुस जाए तो घातक. 2025 में भारत ने WHO को दो ह्यूमन केस रिपोर्ट किए. पहला अप्रैल में आंध्र प्रदेश की 2 साल की बच्ची का, जिसकी मौत हो गई. दूसरा मई में कर्नाटक के एक आदमी का, वो भी नहीं बचा. वायरस का क्लेड 2.3.2.1a है, जो बांग्लादेश-भारत में घूमता रहता. कहा जाता है कि यह शायद मुर्गियां या जंगली पक्षियों से फैल रहा है. वहीं WHO के जून 2025 अपडेट में ये केसेज हाइलाइट हुए.
बर्ड फ्लू से रिस्क ? अगर म्यूटेशन हो गया तो ह्यूमन-टू-ह्यूमन स्प्रेड हो सकता, पैनडेमिक बन सकता. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि 2025 में ये सबसे बड़ा इमर्जिंग थ्रेट है, क्योंकि अमेरिका में गायों में भी फैला. भारत में पोल्ट्री फार्मर्स और ग्रामीणों को खतरा ज्यादा.

री-इमर्जिंग बीमारियां:

पुरानी बीमारियां भी नई मुसीबतें ला रही. इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ की 2025 स्टडी कहती है कि COVID के बाद डेंगू, जापानी इन्सेफलाइटिस (JE), कोलेरा, टाइफॉइड और डिप्थीरिया के आउटब्रेक में बदलाव आया. JE के केस स्थिर या थोड़े बढ़े, लेकिन बाकी में कमी. लेकिन ये कमी शायद सर्विलांस की कमजोरी से है, असल में केसेज छूट रहे हैं. इनमें जुलाई-सितंबर पीक सीजन है.

लक्षण:  डेंगू, जापानी इन्सेफलाइटिस और टाइफायड जैसी बीमारियां फिर से बढ़ रही हैं. इनमें तेज बुखार, सरदर्द, उल्टी और शरीर में दर्द जैसे सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं.

बता दें कि गवर्नमेंट और WHO मिलकर इसपर काम कर रहे, लेकिन हमारी जिम्मेदारी भी है. जागरूक रहो, अगर लक्षण दिखें, तो इसे इग्नोर नहीं करें.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-who-new-warning-these-emerging-diseases-are-rising-in-india-9677908.html

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