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ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए परफेक्ट जगह, जरूर ट्राई करें कार्तिक स्वामी ट्रेक, देखें यात्रा की शानदार झलक – Uttarakhand News

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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित कार्तिक स्वामी ट्रेक धार्मिक आस्था और प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह ट्रेक भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है, और कनकचौरी गांव से शुरू होकर लगभग 3.50 किलोमीटर की दूरी तय करता है. आइए जानते है इसके बारे में….

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित कार्तिक स्वामी ट्रेक न सिर्फ एक रोमांचक ट्रेक है, बल्कि यह आस्था का केंद्र भी है. भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित यह स्थल, धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है. मान्यता है कि यहीं भगवान कार्तिकेय ने अपने पिता शिव को अपनी हड्डियां अर्पित की थीं. ट्रेक के अंतिम पड़ाव पर स्थित मंदिर में दर्शन के बाद एक अलग ही ऊर्जा का अनुभव होता है. जो इसे बाकी ट्रेक्स से विशिष्ट बनाता है. यह स्थान आस्था और प्रकृति का अनूठा संगम है.

कनकचौरी गांव से शुरू होने वाला यह ट्रेक लगभग 3.50 किलोमीटर लंबा है. ट्रेक की शुरुआत आसान होती है, लेकिन, जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, राह थोड़ी कठिन हो जाती है. फिर भी शुरुआती और अनुभवी ट्रेकर्स दोनों के लिए यह उपयुक्त माना जाता है. ट्रेक मार्ग पर प्राकृतिक सीढ़ियां, चट्टानें और पगडंडियां हैं, जो रोमांच बढ़ाती हैं. सफर के दौरान बर्फ से ढकी हिमालयी चोटियां और चारों ओर फैली हरियाली इस यात्रा को यादगार बना देती हैं. एक बार चढ़ाई पूरी कर लेने पर मिलने वाला दृश्य हर थकावट भुला देता है.

कार्तिक स्वामी ट्रेक के रास्ते में मिलने वाले दृश्य प्रकृति प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. ट्रेक के दोनों ओर घने हरे जंगल, रंग-बिरंगे बुरांश (रोडोडेंड्रोन) फूल, और दूर-दूर तक फैली बर्फीली चोटियां आंखों को सुकून देती हैं. रास्ते में पक्षियों की चहचहाहट और ठंडी हवा का स्पर्श इसे एक सजीव अनुभव में बदल देता है. फोटो प्रेमियों के लिए यह ट्रेक किसी स्वर्ग से कम नहीं, जहां हर मोड़ पर कैमरे के लिए एक नया दृश्य होता है. ये सुंदरता इस ट्रेक को विशेष बनाती है.

कार्तिक स्वामी ट्रेक के लिए मार्च से जून और सितंबर से नवंबर का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस दौरान मौसम साफ और सुहावना रहता है, जिससे ट्रेक करना आसान और आनंददायक होता है. ट्रेक पर जाने से पहले ट्रेकिंग शूज, पानी की बोतल, हल्के स्नैक्स और प्राथमिक उपचार किट जरूर साथ रखें. मौसम के अनुसार हल्के गर्म कपड़े या रेनकोट भी जरूरी हो सकते हैं. ट्रेकिंग के दौरान कूड़ा न फैलाएं और प्राकृतिक वातावरण को साफ-सुथरा बनाए रखें, ताकि यह स्थल हमेशा सुंदर और पवित्र बना रहे.

कार्तिक स्वामी मंदिर तक पहुंचने के लिए सबसे पहले रुद्रप्रयाग पहुंचना होता है, जो उत्तराखंड के प्रमुख जिलों में से एक है. रुद्रप्रयाग से कनकचौरी गांव लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है, जहां से ट्रेक की शुरुआत होती है. निजी वाहन या टैक्सी के ज़रिए यहां पहुंचना आसान होता है. ट्रेक शुरू करने से पहले मौसम की जानकारी लेना जरूरी है. बच्चों और बुजुर्गों को सावधानीपूर्वक मार्ग तय करना चाहिए. यह यात्रा मानसिक और शारीरिक दोनों दृष्टियों से ऊर्जा देने वाली होती है, बशर्ते आप पूरी तैयारी से निकलें.

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पहाड़ों पर बसे इस मंदिर तक पहुंचने का रास्ता है रोमांच से भरा — देखें तस्वीरें


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