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Gidara Bugyal In Uttarakhand: आपने कई हिल स्टेशन देखे होंगे, लेकिन उत्तराखंड का गिडारा बुग्याल बरसात में जो नज़ारा पेश करता है, वो कहीं और नहीं मिलता. हरियाली की चादर, बादलों की लुका-छिपी और हिमालयी वादियों का संगम इसे बेहद खास बना देता है. यह जगह सिर्फ एक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि मानसून में प्रकृति के सबसे खूबसूरत रूप का सजीव एहसास कराती है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में छिपा है एक ऐसा नायाब खज़ाना, जो अब तक टूरिस्ट मैप से काफी हद तक छिपा रहा है – गिडारा बुग्याल (Gidara Bugyal). मानसून में यह बुग्याल हरियाली की चादर ओढ़ लेता है और बादलों की लुका-छिपी इसे किसी फैंटेसी फिल्म का सेट बना देती है. एक बार यहां का नज़ारा देखने के बाद मसूरी, मनाली जैसे हिल स्टेशन भी फीके लगने लगते हैं.
गिडारा बुग्याल तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून या ऋषिकेश आना होगा. यहां से उत्तरकाशी और फिर गंगनानी या भंगेली गांव बेस कैंप के तौर पर चुन सकते हैं. गंगनानी हॉट वाटर स्प्रिंग्स के लिए भी मशहूर है और यहीं से शुरू होता है बुग्याल की तरफ आपका ट्रेकिंग सफर.
गिडारा बुग्याल ट्रेक आमतौर पर 6 से 7 दिन का होता है. ट्रेक के दौरान आपको ऊंचे पेड़ों से होते हुए हरे-भरे बुग्याल, बादलों की चादर और हिमालय की चोटियों की झलक मिलती है. यह ट्रेक 13,500 फीट की ऊंचाई तक जाता है, इसलिए फिटनेस का थोड़ा ध्यान रखना ज़रूरी है.
गिडारा बुग्याल ट्रेक के लिए आपको मजबूत ट्रेकिंग शूज़, रेनकोट, स्लीपिंग बैग, ऊनी कपड़े और एक छोटी मेडिकल किट साथ ले जानी चाहिए. मानसून में ट्रेल्स फिसलन भरे हो सकते हैं, इसलिए वॉटरप्रूफ जैकेट और गेटर भी ज़रूरी हो जाते हैं. साथ में थोड़ा स्नैकिंग सामान और एनर्जी बार रखना न भूलें.
जून से अक्टूबर तक का समय गिडारा बुग्याल ट्रेक के लिए बेस्ट माना जाता है, लेकिन जुलाई–अगस्त यानी मानसून में इसकी खूबसूरती अपने पीक पर होती है. बारिश के बाद हरियाली अपनी पूरी ताक़त से खिल उठती है और बादलों की परतें इसे स्वर्ग जैसा बना देती हैं.
गिडारा बुग्याल ट्रेक पूरी तरह से ऑफबीट है और यहां ट्रेल्स बहुत स्पष्ट नहीं होते. इसलिए लोकल गाइड की मदद लेना न सिर्फ जरूरी है बल्कि सेफ्टी के लिए भी ज़रूरी है. गाइड आपको शॉर्टकट रास्ते, पानी के स्रोत और कैंपिंग स्पॉट्स की जानकारी देता है, जो सोलो ट्रेकर मिस कर सकते हैं.
गिडारा बुग्याल में हर कदम पर क्लिक करने लायक नज़ारे मिलते हैं. खासकर मानसून में जब बादल नीचे उतर आते हैं, बुग्याल हरे गलीचे जैसे बिछ जाते हैं और दूर हिमालय की चोटियों से धूप झांकती है – यह सब कुछ वॉलपेपर लेवल मोमेंट्स देते हैं. चाहे DSLR हो या स्मार्टफोन – कैमरा तैयार रखो.
गिडारा बुग्याल आज भीड़भाड़ से दूर है, इसलिए यहां आपको सुकून, शुद्ध हवा और बिना नेटवर्क की एक असली कनेक्शन वाली दुनिया मिलती है. यह ट्रेक उन लोगों के लिए है जो सिर्फ घूमना नहीं, बल्कि खुद को फिर से महसूस करना चाहते हैं. जहां कोई वाईफाई नहीं, केवल आसमान, हरी घास और शांति है.
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