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Kevladev National Park: भरतपुर के केवला देव नेशनल पार्क (घना) में हाल की बारिशों से हरियाली लौट आई है. जलभराव ने पक्षियों और अन्य वन्य जीवों के लिए नया आश्रय प्रदान किया है. इससे पार्क में फिर से जीवन का संचार …और पढ़ें
बारिश और बांध से आए पानी ने पार्क में जलभराव कर दिया है. जिससे यहां की सूखी पड़ी झीलें, तालाब और नहरें फिर से लबालब भर गई हैं. चारों तरफ हरियाली नजर आने लगी है. वातावरण में ठंडक और नमी का एहसास लौट आया है. इस जलभराव का सीधा लाभ यहां रहने वाले सैकड़ों पक्षी प्रजातियों, वन्य जीवों और मछलियों को मिला है.घना डीएफओ मानस सिंह ने Bharat.one को बताया की पार्क में मौजूद प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ स्थानीय पक्षी भी अब निर्बाध रूप से अपनी दिनचर्या में लौट आए हैं.
जलकुंभी, काई और अन्य जलीय पौधों के साथ-साथ मछलियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. जिससे पक्षियों को भरपूर आहार मिल रहा है. बत्तखें, सारस, पेलिकन और अन्य जलपक्षी झीलों में तैरते नजर आ रहे हैं. हिरण, नीलगाय और सियार जैसे जंगली जानवर भी अब खुले में निर्भय होकर विचरण कर रहे हैं. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह जलभराव जैव विविधता के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है.
प्रेमियों और पर्यटकों दोनों के लिए खुशखबरी
यह न सिर्फ पक्षियों और जीवों को जीवन देने वाला है. बल्कि पार्क में आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा आगामी महीनों में विदेशी प्रवासी पक्षियों के आगमन की भी उम्मीद है. जो सर्दी के मौसम में यहां डेरा डालते हैं. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान न केवल एक जैविक धरोहर है. बल्कि यह भरतपुर की पहचान भी है. जल की उपलब्धता से इसकी सुंदरता और समृद्धि फिर से लौट रही है. जो प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों दोनों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है.
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/travel-kevladev-national-park-greenery-returned-to-lap-of-nature-birds-found-new-home-forest-echoed-with-chirping-local18-9454017.html