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Nainital Tourism on Diwali : पर्यटन से जुड़े कारोबारी उम्मीद कर रहे थे कि त्योहार के सीजन में काफी पर्यटक नैनीताल पहुंचेंगे, लेकिन इसका उल्टा हुआ. दिवाली की छुट्टियों में भी सैलानियों के न पहुंचने से नैनीताल सूना दिख रहा है. पिछले दिनों हुई कुछ घटनाएं इसके लिए जिम्मेदार बताई जा रही हैं. नगर पालिका का एक फैसला भी पर्यटकों को शहर से दूर कर रहा है.
नैनीताल. कभी सैलानियों की चहलकदमी से गुलजार रहने वाली पर्यटक नगरी नैनीताल अब एकदम शांत है, आलम ये है कि शहर में काफी कम संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. नैनीताल में इस साल पर्यटन ठंडा रहा है. पहले यहां हुई सांप्रदायिक हिंसा, फिर भारत पाक सीमा पर तनाव और मानसून के सीजन में पहाड़ में आई आपदाओं ने नैनीताल के पर्यटन को काफी प्रभावित किया है. ऐसा लग रहा है मानो पर्यटकों की दिलचस्पी अब नैनीताल से कम हो रही हो. बीते नवरात्रि और दशहरा में भी काफी कम संख्या में पर्यटक नैनीताल पहुंचे. यहां तक कि बंगाली सीजन भी इस बार ठप रहा है. पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को दीपावली के दौरान आने वाले वीकेंड से उम्मीद थी. लोग उम्मीद कर रहे थे कि त्योहार के सीजन में काफी पर्यटक नैनीताल पहुंचेंगे, लेकिन इसका उल्टा हुआ, दीपावली की छुट्टियों में भी सरोवर नगरी सैलानियों के न पहुंचने से सूनी रही. होटल कारोबारी मायूस हैं. उनका कहना है कि जहां बीते साल दीपावली के दौरान होटल पूरी तरह पैक रहते थे. साल काम पूरी तरह से ठप पड़ा है.
नैनीताल के स्थानीय दुकानदार इमरान ने बताया कि दशहरे के बाद से नैनीताल खाली है, यहां के रेस्टोरेंट, कैफे, बाजार, दुकानों और होटलों में भीड़ नहीं है. जिस वजह से स्थानीय निवासी जो पर्यटन व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उनके सामने रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है. इमरान के मुताबिक, दीपावली के दौरान 4 दिनों की छुट्टी में पर्यटकों के नैनीताल पहुंचने की उम्मीद थी, जहां पहले दो दिनों की छुट्टी में ही नैनीताल पैक हो जाता था. इस बार दीपावली के दौरान भी नैनीताल में सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में लगातार पर्यटकों की घटती संख्या लोगों की चिंता बढ़ा रही है. नैनीताल में पर्यटकों के नहीं पहुंचने का मुख्य कारण बड़ा हुआ पार्किंग और टोल शुल्क है, जिस वजह से पर्यटक नहीं आ रहे हैं.
क्या कह रहा होटल एसोसिएशन
नैनीताल होटल एसोसिएशन के सचिव वेद साह ने बताया कि ये साल पर्यटन के लिहाज से काफी खराब रहा है. शुरुआत में शहर में घटित घटनाओं और फिर बॉर्डर तनाव के साथ ही मानसून ने यहां के पर्यटक को प्रभावित किया है. सोशल मीडिया पर प्रचारित-प्रसारित हो रही भ्रामक रीलों ने भी पर्यटन को प्रभावित किया और पर्यटकों में एक भय का माहौल बन गया. उन्होंने कहा कि नैनीताल में बड़ा पार्किंग शुल्क भी पर्यटकों के कम होने की एक वजह है. नैनीताल नगर पालिका ने शहर में प्रवेश पर लगने वाला शुल्क 300 रुपये और पार्किंग शुल्क 500 रुपये कर दिया है. जिसका असर नैनीताल के पर्यटन पर भी देखने को मिल रहा है.
सरकार से ये मांग
वेद साह ने बताया कि उन्हें दशहरे के बाद दिवाली में पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन काम ठप रहा. उन्होंने उम्मीद जताई है कि दिवाली के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, हालांकि कोई एडवांस बुकिंग अभी तक नहीं है, लेकिन गुजराती पर्यटकों के पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इंटरनेट पर चल रही भ्रामक रील्स के खिलाफ एक्शन लें, साथ ही कुमाऊं के पर्यटक स्थलों का प्रचार प्रसार भी अपने माध्यम से करें. उन्होंने बरसात में खराब हो चुकी शहर को अन्य जगहों से जोड़ने वाली सड़कों को ठीक करवाने की भी मांग की है.
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu…और पढ़ें
Priyanshu has more than 10 years of experience in journalism. Before News 18 (Network 18 Group), he had worked with Rajsthan Patrika and Amar Ujala. He has Studied Journalism from Indian Institute of Mass Commu… और पढ़ें
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https://hindi.news18.com/news/uttarakhand/nainital-tourists-not-arrive-on-diwali-know-why-local18-9758955.html