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नेपाल को अक्सर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) के कारण जाना जाता है, लेकिन सच यह है कि यह हिमालयी देश कई अन्य ऊंची चोटियों का भी घर है. यहां दुनिया की 14 सबसे ऊंची चोटियों में से 8 पर्वत मौजूद हैं, जो हर साल हजारों पर्वतारोहियों और प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट नेपाल-तिब्बत सीमा पर स्थित है. हर साल हजारों पर्वतारोही इस चोटी पर कदम रखने का सपना देखते हैं. इसकी ऊंचाई और कठिन मौसम इसे बेहद चुनौतीपूर्ण बनाते हैं. एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों को ऑक्सीजन की कमी, बर्फीले तूफान और शून्य से नीचे तापमान से जूझना पड़ता है. फिर भी इसकी भव्यता और शिखर पर खड़े होने का अनुभव इसे अद्वितीय बनाता है. इसे नेपाल में सागरमाथा के नाम से जाना जाता है और इसकी ऊंचाई 8848.86 मीटर है.
दुनिया की तीसरी और नेपाल की दूसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा अपनी खूबसूरती और रहस्यमयी माहौल के लिए जानी जाती है. नेपाल और भारत की सीमा पर स्थित यह पर्वत पांच शिखरों से मिलकर बना है, जिन्हें स्थानीय लोग ” बर्फ के पांच खजाने” मानते हैं. यहां के रास्ते बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण माने जाते हैं. स्थानीय किंवदंतियों में इसे देवताओं का घर कहा जाता है, और इसकी आध्यात्मिक महत्ता पर्वतारोहियों को आकर्षित करती है. कंचनजंघा की ऊंचाई 8586 मीटर है.
माउंट एवरेस्ट के ठीक दक्षिण में स्थित लोहत्से दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी है. लोहत्से की पहचान उसकी खड़ी और खतरनाक दीवारों के कारण है, जिन्हें “लोहत्से फेस” कहा जाता है. यह एवरेस्ट अभियान का हिस्सा होने के कारण पर्वतारोहियों के बीच लोकप्रिय है. इसकी सुंदरता और रोमांचक रास्ते इसे पर्वतारोहण प्रेमियों के लिए खास बनाते हैं. लोहत्से की ऊंचाई 8516 मीटर है.
मकालू दुनिया की पांचवीं सबसे ऊंची चोटी है, जो अपनी चार धारदार धारों और पिरामिडनुमा आकार के लिए प्रसिद्ध है. नेपाल-तिब्बत सीमा पर स्थित यह पर्वत बेहद कठिन माना जाता है. यहां के रास्ते दुर्गम और हवाएं तेज होने के कारण चढ़ाई जोखिमभरी हो जाती है. फिर भी इसकी भव्यता और रोमांच इसे एडवेंचर प्रेमियों का पसंदीदा गंतव्य बनाती है. मकालू को ऊंचाई 8485 मीटर है.
चो ओयू दुनिया की छठी सबसे ऊंची चोटी है, जो नेपाल और तिब्बत की सीमा पर स्थित है. इसे अपेक्षाकृत आसान चढ़ाई वाली ऊंची चोटियों में गिना जाता है, इसलिए कई पर्वतारोही इसे अपने करियर की शुरुआत के लिए चुनते हैं. इसका नाम तिब्बती भाषा में “फ़िरोज़ा देवी” से लिया गया है. यहां से तिब्बत के पठार और हिमालय का शानदार दृश्य दिखाई देता है. चो ओयू की ऊंचाई 8188 मीटर है.
नेपाल की धौलागिरी चोटी दुनिया की सातवीं सबसे ऊंची चोटी है. इसका नाम संस्कृत शब्दों “धवल” (सफेद) और “गिरि” (पर्वत) से लिया गया है, जिसका अर्थ है “सफेद पर्वत”. यह पर्वत अपनी बर्फीली ढलानों और खूबसूरत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है. धौलागिरी को बेहद कठिन और खतरनाक चोटियों में गिना जाता है. धौलागिरी की ऊंचाई 8167 मीटर है.
मनास्लू नेपाल की आठवीं और दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची चोटी है. इसे लोग “आत्मा का पर्वत” भी कहते हैं. यह पर्वत अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दुर्गम रास्तों के लिए जाना जाता है. हर साल दर्जनों पर्वतारोही यहां पर्वतारोहण अभियान के लिए यहां आते हैं, लेकिन इसकी कठिनाइयां इसे चुनौतीपूर्ण बनाती हैं. मनास्लू की ऊंचाई 8163 मीटर है.
अन्नपूर्णा पर्वत श्रृंखला अपनी खूबसूरती और रहस्यमयी आकर्षण के लिए दुनिया भर में मशहूर है. दुनिया की दसवीं सबसे ऊंची यह चोटी पर्वतारोहण के लिहाज से सबसे खतरनाक मानी जाती है. यहां मौत का आंकड़ा अन्य चोटियों की तुलना में कहीं ज्यादा है. इसके बावजूद अन्नपूर्णा ट्रेक दुनिया के सबसे सुंदर और लोकप्रिय ट्रेक में गिना जाता है. अन्नपूर्णा की ऊंचाई 8091 मीटर है.
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https://hindi.news18.com/photogallery/lifestyle/travel-not-just-mount-everest-nepal-home-to-these-mighty-himalayan-mountains-local18-9678400.html