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bhadrapada purnima 2025 date time rituals significance | भाद्रपद पूर्णिमा कब है? व्रत रखकर करें लक्ष्मी पूजा, जानें तारीख, मुहूर्त, चंद्रोदय समय

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भाद्रपद पूर्णिमा भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को है. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सुबह में व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. इससे परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है. भाद्रपद पूर्णिमा को प्रदोष काल में धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इससे व्यक्ति की दरिद्रता दूर होती है और वह धनवान होता है. रात के समय में चंद्रमा निकलने पर अर्घ्य देते हैं और पूजा करते हैं, इससे परिवार में सुख, समृद्धि आती है. दांपत्य जीवन खुशहाल होता है.

भाद्रपद पूर्णिमा कब है?

दृक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर दिन रविवार को है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 7 सितंबर को मध्य रात्रि में 1 बजकर 41 मिनट से भाद्रपद पूर्णिमा तिथि की शुरूआत होगी. य​ह तिथि 7 सितंबर को ही रात 11 बजकर 38 मिनट पर खत्म हो रही है.

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत और स्नान

उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद पूर्णिमा व्रत और भाद्रपद पूर्णिमा का स्नान-दान भी 7 सितंबर को ही होगा.

सुकर्मा योग में भाद्रपद पूर्णिमा

इस बार की भाद्रपद पूर्णिमा पर सुकर्मा योग बन रहा है. सुकर्मा योग प्रात:काल से लेकर सुबह 9 बजकर 23 मिनट तक है. उसके बाद से धृति योग होगा. सुकर्मा योग में आप शुभ काम कर सकते हैं. भाद्रपद पूर्णिमा पर शतभिषा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 9 बजकर 41 मिनट तक है, उसके बाद से पूर्व भाद्रपद नक्षत्र है.

भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्रोदय

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय 06:26 पी एम बजे है, वहीं चन्द्रास्त का समय नहीं है.

भाद्रपद पूर्णिमा पर भद्रा का साया

इस बार भाद्रपद पूर्णिमा पर भद्रा का साया है. भद्रा सुबह 06:02 ए एम बजे से शुरू होगी, जो दोपह 12:43 पी एम तक रहेगी. इस भद्रा का वास धरती पर है. ऐसे में आप कोई भी शुभ काम भद्रा में न करें. यदि काम करेंगे तो उसमें बाधाएं आएंगी. उस दिन भद्रा के ​अलावा पूरे दिन पंचक भी रहेगा.

भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व

1. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा से धन और वैभव बढ़ता है.

2. इस​ दिन चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है.

3. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.

4. भाद्रपद पूर्णिमा पर पितरों के लिए तर्पण, दान आदि करते हैं, इससे पितृ दोष मिटता है.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)


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