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Collective Death Yoga। सामूहिक मृत्यु योग

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Astrology and Accidents: जीवन और मृत्यु दोनों ही ऐसे सच हैं जिनसे कोई बच नहीं सकता, लेकिन जब एक साथ बहुत सारे लोग अचानक किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं तो मन और भी विचलित हो उठता है. जून 2025 में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया को हिला कर रख दिया. ऐसे हादसे कई बार ज्योतिषीय दृष्टि से भी समझे जाते हैं. कहा जाता है कि जन्मकुंडली में कुछ विशेष योग बनने पर व्यक्ति सामूहिक दुर्घटनाओं का हिस्सा बन सकता है. आज हम इसी विषय पर बात करेंगे, क्या है सामूहिक मृत्यु योग, किस तरह यह कुंडली में दिखाई देता है और क्यों ज्योतिष शास्त्र इसे एक संकेत के रूप में देखता है. इस विषय में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं ज्योतिषाचार्य संतोष उपाध्याय.

सामूहिक मृत्यु योग क्या होता है?
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार जब जन्मकुंडली में चतुर्थ, सप्तम और अष्टम भाव के बीच खास तरह का संबंध बनता है तो इसे सामूहिक मृत्यु योग कहा जाता है. इसका मतलब यह है कि ऐसे लोग कभी न कभी ऐसी परिस्थिति का हिस्सा बन सकते हैं जिसमें एक साथ कई लोग किसी दुर्घटना का शिकार हो जाएं. यह स्थिति बस दुर्घटना, हवाई जहाज क्रैश, प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप या बाढ़ के रूप में सामने आ सकती है.

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अहमदाबाद विमान हादसे से जुड़ी चर्चा
अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे ने सभी को झकझोर दिया. दर्जनों यात्रियों ने अपनी जान गंवाई, वहीं एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच गया. ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समझाने की कोशिश की जाती है कि जब किसी व्यक्ति की कुंडली में दीर्घायु योग मजबूत होता है लेकिन सामूहिक मृत्यु योग उससे टकरा जाए, तो कभी-कभी ऐसी घटनाओं में भी किसी का जीवन बच जाता है. इसे भाग्य और ईश्वर की लीला माना जाता है.

कुंडली में योग का महत्व
कुंडली में चतुर्थ भाव को सुख और वाहन का भाव माना जाता है, सप्तम भाव साझेदारी और यात्रा से जुड़ा होता है और अष्टम भाव अचानक घटने वाली घटनाओं का संकेत देता है. जब ये तीनों भाव आपस में जुड़ जाते हैं, तो बड़े स्तर पर दुर्घटना की संभावना बनती है. हालांकि, यह तय कर पाना आसान नहीं होता कि घटना कब और कैसे घटेगी.

किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अगर दीर्घायु योग मजबूत हो तो आम तौर पर वह लंबा जीवन जीता है, लेकिन अगर सामूहिक मृत्यु योग उस पर भारी पड़ जाए तो परिस्थितियां अचानक पलट सकती हैं. फिर भी अंतिम फैसला हमेशा ईश्वर के हाथ में माना जाता है. यही वजह है कि कई बार लोग एक ही हादसे में होते हैं, लेकिन किसी-किसी की जान बच जाती है और यह सब भाग्य का लिखा माना जाता है.

क्या करना चाहिए?
अगर किसी ज्योतिषी से पता चले कि आपकी कुंडली में ऐसा योग है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. इसका मतलब यह नहीं कि हादसा निश्चित ही होगा. बल्कि यह संकेत है कि आपको समूह यात्राओं या जोखिम वाली परिस्थितियों में सावधानी रखनी चाहिए. कई बार अकेले यात्रा करना या भीड़ से दूर रहना ऐसी संभावनाओं को कम कर सकता है.

ईश्वर पर आस्था
आखिरकार हर इंसान का जीवन और मृत्यु ईश्वर की योजना का हिस्सा है. जैसे अहमदाबाद विमान हादसे में भी एक यात्री का बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था. भगवान जिसे बचाना चाहते हैं, उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता. इसलिए ज्योतिष को संकेत मानना चाहिए, डर का कारण नहीं.


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