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Siddheshwar Tapeshwar Ganesh Mandir: बुरहानपुर में ताप्ती नदी के किनारे बेहद प्राचीन मंदिर है. यहां गणेशजी की अनोखी प्रतिमा है. इसकी महिमा भी अद्भुत है. जानें सब…
ढाई फीट की अद्भुत प्रतिमा
मंदिर समिति के प्रवेश भगत और धनराज महाजन ने Bharat.one की टीम को बताया कि यहां विराजमान गणेश प्रतिमा लगभग ढाई फीट ऊंची है. गणपति महाराज “सीधी सुन वाले गणेश” के नाम से प्रसिद्ध हैं. उनकी विशेषता ये है कि एक हाथ में रुद्राक्ष की माला है और दूसरे हाथ से आशीर्वाद देते हैं. शेर पर विराजमान इस प्रतिमा का स्वरूप तपस्या रूपी है. यह सिद्ध मूर्ति मानी जाती है, इसलिए यहां मांगी गई मन्नतें पूरी होती हैं. भक्त विशेषकर शादी-विवाह, संतान और व्यापार से जुड़ी मन्नतें लेकर आते हैं और पूरी होने पर लड्डू का प्रसाद चढ़ाते हैं.
यह प्राचीन मंदिर सिर्फ बुरहानपुर ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र और गुजरात के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. गणेश चतुर्थी और गणेश स्थापना के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ती है. सुबह-शाम नियमित रूप से गणेश पूजा और आरती होती है, जिसमें आसपास के गांवों से लेकर दूर-दराज़ से भक्त शामिल होते हैं.
आस्था से बढ़ रहा महत्व
मंदिर समिति का कहना है कि समय के साथ मंदिर से श्रद्धालुओं का जुड़ाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां हर साल हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं. आस्था और विश्वास का यही मेल सिद्धेश्वर तापेश्वर गणेश मंदिर को विशेष बनाता है. ताप्ती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर आज भी भक्तों की आशा और विश्वास का प्रतीक है.