इसकी वजह इस साल एक विशेष संयोग का बनना, जिसमें चतुर्थी तिथि दो दिन रहेगी यानि 25 और 26 सितंबर दोनों दिन चतुर्थी मानी जाएगी. इसी कारण दसवां दिन भी नवरात्रि में शामिल हो गया. नवमी 1 अक्टूबर होगी और विजयादशमी 2 अक्टूबर को होगी.
खगोलीय स्थितियों के कारण ऐसा
धार्मिक दृष्टि से तिथियों में वृद्धि को शुभ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार देवी की पूजा इतने दिनों तक करना अधिक फलदायी होता है. परंतु दस दिन होने का फैसला मुख्य तौर पर खगोलीय और पंचांग आधारित है; धार्मिक रूप से इसे हर्ष और आध्यात्मिक लाभ से जोड़ते हैं. वैसे खगोलीय आधार पर इसे दुर्लभ संयोग माना जा रहा है जबकि एक ही दिन में दो तिथियां आ रही हैं. इसे दुर्लभ संयोग कहा जा रहा है.
पृथ्वी की परिक्रमा में क्यों आती है नवरात्र
एक वर्ष में सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की यात्रा के दौरान मार्च और सितंबर में ऋतु-संधियां आती हैं, जब दिन और रात लगभग बराबर होते हैं. इन संधियों के आसपास ही मुख्य नवरात्रि (चैत्र और शारदीय) पड़ती हैं. वैसे तो इस तरह से साल में चार नवरात्र आते हैं लेकिन चैत्र और शारदीय को मुख्य मानते हुए इसे शुभ मानते हैं और इस दौरान पूजा और धार्मिकता का माहौल रहता है.
क्यों बढ़ जाता नवरात्र का दिन
ये पूरी तरह खगोलीय गणना है. धर्माचार्य और वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ये विस्तारण पंचांग के खगोलीय समायोजन की वजह से होते हैं, न कि केवल किसी धार्मिक रूप से.
नवरात्रि की अवधि बढ़ जाने पर उपवास, साधना और जीवनशैली में बदलाव करना और भी लाभदायक माना जाता है, विज्ञान के अनुसार यह पूरे परिवार को संक्रमण एवं मौसमी बीमारियों से लड़ने का अवसर देता है.
नवरात्र का संबंध रामायण से कैसे
रामायण के अनुसार, भगवान श्रीराम ने रावण-वध से पूर्व अश्विन शुक्ल पक्ष की नवरात्र में देवी दुर्गा की आराधना की थी. उनकी भक्ति से माता प्रसन्न हुईं और विजय का आशीर्वाद दिया.
नवरात्र तो साल में चार बार लेकिन मनाते दो ही
गुप्त नवरात्र क्या होते हैं
सालभर में दो गुप्त नवरात्र आते हैं – आषाढ़ नवरात्र और माघ नवरात्र. आषाण गुप्त नवरात्रि साधना और ध्यान के लिए होता है. वहीं माघ गुप्त नवरात्रि में साधना की जाती है.
इसमें 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जिनमें मां काली, तारा देवी, त्रिपुरसुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरभैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी शामिल हैं. इनकी साधना से साधक को दुर्लभ और विशेष शक्तियां प्राप्त होने की मान्यता है.