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छतरपुर में 100 साल पुरानी मूर्ति; भैरव बाबा के नाम से होती है हनुमान जी की पूजा! जानें रहस्य…

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छतरपुर. जिले के गौरिहार जनपद के महयाबा गांव में एक ऐसी हनुमान जी की मूर्ति है जो यहां भैरव बाबा के नाम से प्रसिद्ध है. पहाड़ की शिला पर बनी यह मूर्ति अद्भुत और विशाल है. इस शिला पर तीन मूर्तियां बनी हैं. इस मूर्ति के इतिहास की बात करें तो यह चंदेलकालीन मूर्ति है.

पुजारी राकेश जोशी Bharat.one से बातचीत में बताते हैं कि यह विशाल मूर्ति 100 साल पुरानी है. इस मूर्ति को पुरखे भी देखते चले आ रहे हैं. हालांकि, राकेश 15 साल से ही यहां के पुजारी हैं इससे पहले दूसरे पुजारी यहां रहते थे.

शिला पर बनी है हनुमान मूर्ति
पुजारी बताते हैं कि शिला पर हनुमान जी की विशाल मूर्ति बनी है. खास बात ये है कि इसी शिला पर हनुमान जी की तीन मूर्तियां बनी हैं.

आसपास के जिलों में नहीं है ऐसी मूर्ति  
श्रद्धालु बताते हैं कि हम भी बहुत दूर दूर तक घूमने गया हूं लेकिन ऐसी विशाल मूर्ति कहीं नहीं दिखी है. आसपास के जिलों में तो ऐसी दुर्लभ मूर्ति है ही नहीं. मंदिर तो अभी बना है, पहले यह मूर्ति खुली में रहती थी. श्रद्धालु बताते हैं यह मूर्ति चंदेल राजाओं के जमाने की है. बाबा पुरखे यही बताते आए हैं.

भैरव बाबा के नाम से पूजे जाते हैं 
पुजारी बताते हैं कि हनुमान जी की ये दुर्लभ मूर्ति है. यहां हनुमान जी भैरव बाबा के नाम से पूजे जाते हैं.

दूर-दराज से आते हैं श्रद्धालु 
महोबा, ग्वालियर, भिंड, मुरैना और पन्ना से श्रद्धालु यहां आते हैं. श्रद्धालु यहां हर दिन ही आते हैं लेकिन मंगलवार और शनिवार को ज्यादा भीड़ लगती है. साथ ही यहां नवरात्रि में मेले का आयोजन भी होता है. इसके अलावा 26 जनवरी को भी यहां मेले का आयोजन होता है.

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